- एलयू प्रशासन शासन के दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहा है

- शासन से निर्देश जारी होते ही एमफिल के कोर्सेस पर लग जाएगा ताला

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रुष्टयहृह्रङ्ख एलयू प्रशासन एमफिल कोर्स बंद करने की तैयारी कर रहा है। एलयू में अंग्रेजी, हिंदी, सोशल वर्क समते छह विभागों में एमफिल के कोर्स चलते हैं। यूनिवर्सिटी सूत्रों के मुताबिक नई शिक्षा नीति में एमफिल कोर्स बंद करने की बात कही गई है, जिसके बाद एलयू प्रशासन ने एमफिल कोर्सेस को बंद करने पर मंथन शुरू कर दिया है। इस फैसले के बाद कैंपस में उच्च स्तर पर केवल पीएचडी प्रोग्राम ही जारी रहेंगे। हालांकि एलयू के अधिकारियों के मुताबिक एलयू प्रशासन नई शिक्षा नीति को लेकर शासन के दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जानकारों की मानें तो पहले भी यूजीसी एमफिल के कोर्सेस को बंद करने के लिए गाइडलाइन जारी कर चुका है। इसके बाद भी कई यूनिवर्सिटी में एमफिल का कोर्स कई विभागों में चल रहा था, लेकिन सीटों के हालात ये थे कि सीट से आधे भी आवेदन नहीं मिल पा रहे थे।

कार्य परिषद में प्रस्ताव भेजने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार नई शिक्षा नीति में एमफिल को बंद कर दिया गया है। अगले सेशन से यह नीति विवि में लागू हो जाएगी। ऐसे में अगले साल जब ये छात्र एमफिल की डिग्री लेकर निकलेंगे तो इसका कोई मोल नहीं रहेगा। ऐसी स्थिति में बेहतर है कि इस कोर्स को बंद कर दिया जाए ताकि स्टूडेंट्स का समय और धन बेकार ना हो। इसके लिए एलयू जल्द ही एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग कर प्रस्ताव को रखेगा। वहां से सहमती मिलने के बाद इसे कार्य परिषद में भेजा जाएगा। एलयू में करीब पांच छह वर्षो से एमफिल कोर्सेस में वैसे ही एडमिशन नहीं हो रहे हैं।

2012 तक बन जाते थे लेक्चरर

एलयू देश के उन यूनिवर्सिटी में शुमार है, जहां सबसे पहले 1968 में एमफिल शुरू हुआ था। साल 2012 तक प्रदेश में एमफिल पास स्टूडेंट्स की डिग्री कॉलेजों में प्रवक्ता अब असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति हुई। यूनिवर्सिटी से एमफिल पास आउट हजारों स्टूडेंट्स आज भी देश विदेश की यूनिवर्सिटी एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्यरत हैं। वहीं कोर्स बंद होने से स्टूडेंट्स को पीजी के बाद नेट या पीएचडी का ही विकल्प मिलेगा।

एमफिल बंद होने से घटेगा वर्कलोड

एमफिल बंद होने से कैंपस में शिक्षकों का वर्कलोड भी कम हो जाएगा। अभी तक एक शिक्षक को एमफिल के पांच स्टूडेंट्स का निर्देशन करना होता था, लेकिन अब ये शिक्षक पीजी क्लास एवं रिसर्च पर फोकस कर सकेंगे।