लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू अपने यहां फैकल्टी और स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल लेवल के अनुसार अपग्रेड करने का काम कर रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ रही है। वहीं अब स्टूडेंट्स को उनकी पसंद के एरिया में रिसर्च के लिए इलेक्टिव ट्रेनिंग देगा। वहीं फैकल्टी की कार्यक्षमता बढ़ाने की दिशा में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने जा रहा है। जिसका फायदा डॉक्टर्स संग मरीजों को भी मिलेगा।

स्टूडेंट्स की इलेक्टिव ट्रेनिंग

केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक नेशनल मेडिकल कमिशन के निर्देशानुसार स्टूडेंट्स को आठ हफ्ते के लिए थर्ड प्रोफेशनल में एक इलेक्टिव ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे स्टूडेंट्स को एक्सपोजर मिले, क्योंकि मेडिकल में रिसर्च पर बहुत काम हो रहा है। वहीं, बच्चों का यंग और क्रिएटिव माइंड होता है। ऐसे में उनका इंट्रेस्ट बढ़ाने के लिए स्पेशल रिसर्च एरिया बनाएं, ताकि बच्चे उसमें रिसर्च कर अपनी पसंद की फील्ड में स्पेशलाइजेशन कर सकें। इसके लिए यूनिवर्सिटी में 58 इलेक्टिव बनाए गए हैं। इसमें सर्जरी, मेडिसिन संग अन्य फील्ड से संबंधित सभी स्पेशलिटी शामिल रहेगी।

आठ सप्ताह की ट्रेनिंग

इलेक्टिव ट्रेनिंग के तहत स्टूडेंट की आठ हफ्ते की ट्रेनिंग होगी। जिसमें चार हफ्ते पैरा क्लीनिकल और चार हफ्ते क्लीनिकल ब्रांच में ट्रेनिंग होगी। स्टूडेंट कोई भी दो इलेक्टिव सेलेक्ट कर सकता है। इससे स्टूडेंट्स को अपनी पसंद की फील्ड में और बेहतर काम करने का मौका मिलेगा।

फैकल्टी के लिए सर्टिफिकेट कोर्स

केजीएमयू की फैकल्टी कई संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रही है। इसे ध्यान में रखते हुए फैकल्टी की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है। यह सेकंड मास्टर्स इन हेल्थ प्रोफेशनल एजुकेशन फॉर केजीएमयू फैकल्टी के तहत होगा। जिससे फैकल्टी को काफी मदद मिलेगी। अगर वो विदेश में भी जाएंगे तो इस सर्टिफिकेट से उनको फायदा मिलेगा।

फैकल्टी और स्टूडेंट्स को आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहे हैं। जिसका फायदा इनको और मरीजों दोनों को मिलेगा।

-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू