लखनऊ (ब्यूरो)। कहा जाता है कि कि हर अपराधी अपराध करने के बाद अपने पीछे कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है। यह कहीं हद तक सही भी है, लेकिन राजधानी पुलिस के लिए तीन के आकंड़े का न केवल मुश्किल खड़ी कर रखी है। ऐसे ही तीन मर्डर केस लखनऊ के है जिन्हें आज तक लखनऊ पुलिस सुलझा नहीं सकी है। इन तीन मर्डर केस में 4 युवतियों की हत्या हुई थी। जिन्हें मौत के बाद न ही अपनों का कंधा नसीब हुआ और न ही न्याय मिल सका। आइए आपको बताते हैं उन वारदातों के बारे में जो अभी तक अनसुलझी हैं

4 दिसंबर 2016

2 युवतियों की मिली थी सिर कटी ला

करीब 6 साल पहले मडिय़ांव स्थित आईआईएम रोड पर 2 युवतियों की कटी हुई लाश मिली। महीनों तक चली जांच में न ही उन दोनों युवतियों की न तो शिनाख्त हो सकी और न ही उनके हत्यारों का पुलिस पता ही लगा पाई। अब इस कांड को हुए 6 साल बीत चुके है ऐसे में इस हत्याकांड से पर्दा उठने की उम्मीद भी खत्म हो चुकी है।

दो हिस्सों में मिले धड़

छानबीन के दौरान पुलिस को एक और महिला के दो हिस्सों में धड़ मिले। दोनों महिलाओं की सिर कटी बॉडी के साथ दोनों के हाथ बंधे हुए थे। पोस्टमार्टम में सामने आया की इसमें एक युवती की उम्र 25 साल के आस पास व दूसरी की 30 साल हो सकती है। ऐसे में पुलिस ने महीनों तक इस केस में हाथ पांव मारे लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।

21 जनवरी 2019

शूटकेस में ठूंसा शव, सिगरेट से भी दागा

मडिय़ांव में मिली युवतियों की लाश के ठीक 3 साल बाद एक बार फिर ऐसा ही केस परेशान करने वाला था। साल 2019 में गोसाईगंज थाने (अब सुशांत गोल्फ सिटी थाना) के अंतर्गत शहीद पथ के पास एक शूटकेस में एक लड़की की लाश मिली थी। गोसाईगंज पुलिस ने शव को नियमानुसार 72 घंटे रखा ताकि उस शव की पहचान हो सके, लेकिन जब पहचान न हो सकी तो पोस्टमार्टम कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बॉयोमेट्रिक जांच तक साक्ष्य नहीं मिले थे

पुलिस ने सूटकेस खोलकर देखा तो उसमें एक महिला ठूसकर भरी गई थी। महिला ने गहरे भूरे रंग का स्वेटर, नारंगी रंग की सलवार और पायल पहने थी। महिला के हाथ की सभी उंगलियों को इस मंसूबे के साथ जला दिया गया था कि उसकी बॉयोमेट्रिक से भी पहचान न हो सके। यहीं नही उसका चेहरे को भी जलाने की कोशिश की गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी। पीएम करने वाले डॉक्टरों ने बताया था युवती जिसकी उम्र 25 से 28 वर्ष हो सकती थी उसके शरीर के कई हिस्सों जैसे चेहरा और पेट को सिगरेट से जलाया गया था।

तीन साल बाद भी गुत्थी अनसुलझी

महीनों तक पुलिस महिला की पहचान करने के लिए जद्दोजहद करती रही। लेकिन पुलिस को सफलता नही मिली। आज 3 साल बीतने के बाद न ही लाश की पहचान हो सकी और न ही उसके हत्यारों को पुलिस पकड़ ही सकी।

21 मार्च 2022

महिला को मारा फिर जलाया अब तक हत्यारे दूर

साल 2016 फिर 2019 और अब 2022 ठाकुरगंज इलाके में डंपिंग यार्ड में एक महिला का जला हुआ शव मिला। पुलिस ने शव को 72 घंटे रखने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जिसमे पता चला था कि महिला को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया गया था और बाद में उसका गला दबाकर मार दिया गया। पुलिस तमाम दावपेंच मार कर परेशान हो चुकी है। अब तक पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने का एक भी सबूत हाथ नही लग सका है।

चुड़ी व पायल के भरोसे चली जांच

पुलिस ने जले हुए शव को देखा तो उसके हाथ पांव फूल गए। मौके पर जांच की गई तो शव के हाथों में चूड़ी व पैर में पायल देख ये अंदाजा लग गया था कि शव महिला का है। शव का पीएम कराया गया जिसमें सामने आया कि उस महिला की उम्र 23 साल से 25 साल के बीच होगी और उसे मारने से पहले नशीली दवा पिलाई गयी थी व बाद में गला दबा उसकी हत्या की गई और बाद में उसे जला दिया गया था। पुलिस ने फॉरेंसिक जांच की , मौके का मुआयना किया। सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन पुलिस को ये तक नहीं पता चल सका कि लड़की को मारा कहां गया और जलाया कहां गया था। फिलहाल इस महिला के हत्यारों से भी लखनऊ पुलिस कोसों दूर है।

घटना कोई भी है कभी की भी हो, हमारी प्राथमिकता है कि उसका सही खुलासा किया जाए। ऐसा नहीं है कि उन केस की फाइलों के पूरी तरह से बंद कर दिया गया। लगातार काम किया जा रहा है। केस में साक्ष्य की तलाश लगातार जारी है। कोशिश रहेगी की जल्द उसका खुलासा किया जाए।

- नीलाब्जा चौधरी, जेसीपी क्राइम