लखनऊ (ब्यूरो)। भारत में पान-मसाला और सुपारी आदि खाने वालों की कमी नहीं है। यह आदत कई गंभीर बीमारियों की वजह बनती है। इनमें ओरल फाइब्रोसिस यानि मुंह न खुलने की समस्या काफी आम है। हालांकि, अगर समय रहते डॉक्टर को दिखाया जाये, तो इससे निजात मिल सकती है। दरअसल, गले की खाल से बंद मुंह को दोबारा खोला जा सकता है। इस तरह के मामले केजीएमयू के ओरल एंड मैक्सीलोफेशियल सर्जरी विभाग में लगातार देखने को मिल रहे हैं।

बस सर्जरी ही बचती है विकल्प

केजीएमयू के ओरल एंड मैक्सीलोफेशियल सर्जरी विभाग के डॉ। यूएस पाल ने बताया कि जो लोग लंबे वक्त तक तंबाकू या पान आदि खाते हैं, उनका मुंह धीर-धीरे खुलना बंद हो जाता है। वे इस ओर ध्यान नहीं देते। जब समस्या बढ़ जाती है, तो कैंसर के डर से जल्दी दिखाने नहीं आते। कई मामलों में तो एक उंगली तक मुंह में नहीं जाती। ऐसे में, मुंह की सही सफाई नहीं होती, खाना-पीना सही से नहीं हो पाता और ओरल फाइब्रोसिस के कैंसर में बदलने की संभावना बढ़ जाती है। तब सर्जरी ही विकल्प बचती है। इसके लिए गले की खाल को लेकर मुंह खोलने का काम किया जाता है, जिसे प्लेटिस्मा फ्लैप कहा जाता है। इसमें गले की खाल दो उंगल तक निकाली जाती है और घाव वाली जगह पर लगाई जाती है। यह तकनीक ओरल फाइब्रोसिस में बेहद कारगर है। इसे दवा से ठीक नहीं किया जा सकता।

50 से अधिक सर्जरी हो चुकी हैं

डॉ। यूएस पाल के मुताबिक, ऐसे कई मामले आते हैं, जिनमें लोगों के मुंह वर्षों से बंद हो चुके होते हैं। अब तक ऐसी 50 के ऊपर सर्जरी की जा चुकी हैं। यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है, क्योंकि वे कम उम्र मेें पान-मसाला व तंबाकू आदि खाने लगते हैं।

लक्षण

- पहले मुंह सफेद होता

- मिर्च-मसाला ज्यादा लगता है

- छाले निकलते हैं

- गले तक सफेदी

- गाल की खाल कड़ी होने लगती है

- आवाज में बदलाव

बचाव

- सुपारी खाने से बचें

- पान-मसाला खाने से बचें

- तंबाकू खाने से बचें

- मुंह की सफाई अच्छे से करें

ओरल फाइब्रोसिस की वजह से मुंह खुलना बंद हो जाता है। ऐसे में, गले की खाल से मुंह खोलने का काम किया जाता है। लोगों को तंबाकू-मसाला खाने से बचना चाहिए।

- डॉ। यूएस पाल, केजीएमयू