- केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर अलर्ट हुई यूपी पुलिस

- पश्चिमी यूपी के नौ जिलों में सीनियर अधिकारी मॉनीटरिंग के लिये तैनात

- कैंप कर लेंगे कानून-व्यवस्था का जायजा

LUCKNOW: सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट यानि सीएए के विरोध की आड़ में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) प्रदेश को फिर से सुलगाने की कोशिश में जुट गई है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर यूपी पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है। बीते दिनों प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुए उपद्रव से सीख लेते हुए पुलिस ने पश्चिमी यूपी के नौ जिलों में एडीजी व आईजी स्तर के अधिकारियों को तैनात कर हालात पर नजर रखने के लिये उन्हें वहीं कैंप करने को कहा गया है। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में मौजूद खुफिया इकाइयों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

स्लीपिंग मॉड्यूल को किया एक्टिव

सूत्रों के मुताबिक, संसद में सीएए पास होने के बाद से ही शुरू हुए हिंसात्मक प्रदर्शनों की जांच के बाद देशभर से हुई पीएफआई के सदस्यों की अरेस्टिंग ने देशविरोधियों की योजना पर पानी फेर दिया। वहीं, पीएफआई के जरिए उपद्रव की फंडिंग को लेकर ईडी के खुलासे व छापेमारी ने देश में गहरी जड़ें जमा चुके इस संगठन की कमर तोड़कर रख दी। इसी से तिलमिलाए संगठन के कारिंदों ने अब एक बार फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में अशांति फैलाने की साजिश रची है। दिल्ली में बीते तीन दिनों से जारी उपद्रव इसी की कड़ी बताई जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिले भी पीएफआई की नजर में हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा यूपी पुलिस को भेजे अलर्ट में कहा गया है कि पीएफआई अपने स्लीपिंग मॉड्यूल्स को एक्टिव किया है जिनके जरिए एक बार फिर से प्रदर्शनों के नाम पर हिंसा भड़काई जा सके।

निगरानी को लिये अफसर तैनात

खुफिया अलर्ट मिलने के बाद देशविरोधी ताकतों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिये यूपी पुलिस ने कमर कस ली है। इसी के मद्देनजर सतर्कता बरतते हुए पश्चिमी यूपी के नौ जिलों में, जहां सीएए को लेकर हिंसा भड़की थी, सीनियर पुलिस अधिकारियों को कैंप करने के लिये भेजा गया है।

इनको जिम्मेदारी

इसके तहत एडीजी जोन बरेली अविनाश चंद्र को मुरादाबाद, एडीजी जोन आगरा अजय आनंद को अलीगढ़, एडीजी पीएसी रामकुमार को रामपुर, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे ज्योति नारायण को बुलंदशहर और हापुड़, आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा को संभल, आईजी रेलवे विजय प्रकाश को फीरोजाबाद, आईजी पीटीएस मेरठ लक्ष्मी सिंह को मुजफ्फरनगर और डीआईजी एसआईटी जे। रवींद्र गौड को बिजनौर भेजा गया है। यह सभी अधिकारी संबंधित जिलों की कानून-व्यवस्था पर पल-पल नजर रखेंगे और किसी भी अप्रिय स्थिति में कार्रवाई के आदेश भी देंगे।

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सोशल मीडिया पर भी नजर रखने के निर्देश

सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों के अलर्ट में कहा गया है कि हिंसा भड़काने के लिये उपद्रवी सोशल मीडिया की विभिन्न साइट्स फेसबुक, ट्विटर पर अफवाह के मैसेज वायरल कर माहौल खराब कर सकते हैं। ऐसे में फेसबुक, ट्विटर के साथ ही वाट्सएप ग्रुपों पर भी निगरानी रखने को कहा गया है।

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फैक्ट फाइल

हिंसा में अब तक

- 164 मुकदमे दर्ज किये गए थे प्रदेश भर में

- 879 आरोपितों को किया गया था अरेस्ट

- 5312 लोगों को हिरासत में लेकर की गई निरोधात्मक कार्रवाई

- 61 पुलिसकर्मियों को लगी गोली

- 288 पुलिसकर्मी घायल हुए

- 108 शरारती भ्रामक पोस्ट डालने के मामले में अरेस्ट