- 339 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर एक्यूआई
- टॉप 10 में अब भी अपना शहर
- बुधवार को शहर का एक्यूआई स्तर 339 रहा, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति हमसे हुई बेहतर
LUCKNOW: शहर की फिजा में घुले जहर की मात्रा कम तो हो रही है, लेकिन हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बुधवार को जो डाटा जारी किया गया, उससे साफ है कि शहर के एक्यूआई स्तर में गिरावट तो आई है, लेकिन स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। शहर का एक्यूआई स्तर 339 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो मंगलवार के मुकाबले 77 अंक कम है। इसके बावजूद पॉल्यूशन के मामले में शहर पूरे देश में सातवें नंबर पर है। हैरानी की बात तो यह है कि पॉल्यूशन के मामले में लगातार टॉप में चल रहे चार प्रमुख शहर दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में तो स्थिति खासी सुधरी है, लेकिन हम लगातार टॉप टेन में बने हुए हैं। पॉल्यूशन के मामले में पहले नंबर पर करनाल है, जहां का एक्यूआई स्तर 393 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है। लिस्ट में कानपुर चौथे नंबर पर है। यहां का एक्यूआई स्तर 367 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सामने आया।
जो आगे थे, वो हुए पीछे
दिवाली के बाद से पॉल्यूशन के मामले में लिस्ट में टॉप चार स्थानों पर चल रहे प्रमुख शहरों की हवा में जहर कम हुआ है। उक्त शहरों का एक्यूआई स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं हुआ है।
प्रमुख शहर एक नजर में
शहर एक्यूआई स्तर
दिल्ली 214
गाजियाबाद 294
नोएडा 237
ग्रेटर नोएडा 247
कानपुर 367
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में हैं)
देश के शहरों की स्थिति
शहर एक्यूआई
करनाल 393
कुरुक्षेत्र 387
पटियाला 380
कानपुर 367
हावड़ा 362
पानीपत 356
लखनऊ 339
मुरादाबाद 336
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में हैं)
लालबाग की हवा जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो शहर में लालबाग एरिया की हवा ज्यादा जहरीली हुई है। यहां एक्यूआई स्तर 363 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है। गोमतीनगर की हवा में कुछ सुधार हुआ है। यहां एक्यूआई स्तर 319 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा है। इसी तरह तालकटोरा में एक्यूआई स्तर 334 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है। पिछले एक सप्ताह की बात करें तो गोमतीनगर और लालबाग का एक्यूआई स्तर खासा चिंताजनक रहा है। इसके साथ ही दो दिन तालकटोरा में भी हवा बहुत अधिक जहरीली नापी गई है। जिसके कारण जनता खासी परेशान हुई है।
लखनऊ की पिछले 11 दिन की स्थिति
डेट एक्यूआई
26 अक्टूबर 155
27 अक्टूबर 186
28 अक्टूबर 305
29 अक्टूबर 314
30 अक्टूबर 326
31 अक्टूबर 352
1 नवंबर 382
2 नवंबर 422
3 नवंबर 400
4 नवंबर 435
5 नवंबर 416
6 नवंबर 339
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)
4 दिन बाद 400 के नीचे
लखनऊ का एक्यूआई स्तर 2 नवंबर से 5 नवंबर तक लगातार 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के ऊपर रहा है। बुधवार को एक्यूआई स्तर के 339 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर आने से इसे सुखद संदेश माना जा सकता है। अब देखना यह है कि अगले दो दिन में एक्यूआई की क्या स्थिति रहती है। बुधवार शाम को चली हवा से उम्मीद है कि गुरुवार को एक्यूआई स्तर में और कमी दर्ज की जा सकती है। हालांकि सही तस्वीर गुरुवार शाम को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए जाने वाले आंकड़े से साफ हो सकेगी। हालांकि जब तक एक्यूआई स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के आसपास नहीं पहुंच जाता है, तब तक जनता को स्वास्थ्य संबंधी ध्यान देने की खासी जरूरत है।
पॉल्यूशन के मानक
एक्यूआई कलर स्थिति
50 से कम गहरा हरा अच्छी
51 से 100 हरा संतोषजनक
101 से 200 पीला सुधरी हुई
210 से 300 गहरा पीला खराब
301 से 400 लाल बेहद खराब
410 से अधिक गहरा लाल खतरनाक
सभी निर्माण कार्यो पर नजर
निगम प्रशासन और एलडीए की ओर से गठित टीमों की ओर से निर्माण कार्यो का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। दोनों ही महकमों ने निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी है। अगर कहीं भी निर्माण कार्य होता मिलता है तो संबंधित निर्माणकर्ता के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। नगर निगम और एलडीए की ओर से बुधवार को भी कई रोड और पेड़ों पर पानी का छिड़काव कराया गया। लोगों की मांग है कि नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए, जिससे पॉल्यूशन का लेवल कम हो सके।