- 7 दिन में 7 हजार चालान हुए 10 चौराहों में

- 1 दिन में 1 हजार चालान का निकल रहा एवरेज

- 20 हजार चालान हुए दिसंबर 19 तक

- 1 करोड़ रुपये चालान राशि जमा हुई

- 80 फीसदी चालान रेड लाइट को पार करने में, जबकि दूसरे नंबर पर हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग

- सबसे कम चालान रॉन्ग वे पर गाड़ी दौड़ाने में अभी तक हुए

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LUCKNOW: आलमबाग, पॉलीटेक्निक ऐसे चौराहे हैं, जहां वाहन सवार सबसे अधिक रेड लाइट को नजर अंदाज करते हैं। इसकी वजह से उनका ई चालान होता है। यह आंकड़े खुद लालबाग में तैयार कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सामने आए हैं, जहां सुबह से लेकर रात तक ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन सवारों पर नजर रखी जाती है। आंकड़ों में साफ है कि सबसे ज्यादा ई चालान रेड लाइट पार करने में होते हैं जबकि दूसरे नंबर पर हेलमेट न पहनना और तीसरे नंबर पर ट्रिपल राइडिंग है। वहीं सबसे कम चालान रॉन्ग वे में गाड़ी दौड़ाने में हुए हैं।

10 चौराहों पर हो रहे ई चालान

आईटीएमस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत शहर के दस चौराहों पर हाईटेक कैमरे लगाने के साथ ही ऑनलाइन ई चालान की सुविधा शुरू की जा चुकी है। इन दस चौराहों में हजरतगंज, 1090, आईटी चौराहा, पॉलीटेक्निक, कपूरथला, हैनीमैन चौराहा, कैप्टन मनोज पांडे चौराहा, बाराबिरवा (अवध चौराहा) आदि शामिल हैं।

हर दिन का बनता डाटा

उक्त चौराहों से गुजरने वाले व्हीकल्स का हर दिन के हिसाब से डाटा तैयार किया जाता है। डाटा में ऑनलाइन चालान को भी शामिल किया जाता है। उक्त चौराहों से गुजरते वक्त अगर कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो तत्काल उसकी गाड़ी की नंबर प्लेट की तस्वीर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पहुंच जाती है। जहां मौजूद ट्रैफिक टीम तत्काल उसका ई चालान करती है।

पहले होता है वैरीफाई

हालांकि ई चालान से पहले यह अच्छी तरह से वैरीफाई किया जाता है कि कहीं गलती से तो कैमरे ने उक्त गाड़ी की फोटो तो नहीं भेज दी। पूरी तरह से आश्वस्त होते ही तत्काल ई चालान जारी हो जाता है।

7 दिन में 7 हजार चालान

उक्त दस चौराहों की बात की जाए तो पिछले सात दिन में 7 हजार से अधिक चालान किए गए हैं। इनमें से सबसे अधिक चालान नहरिया, पॉलीटेक्निक और हैनीमैन चौराहों पर हुए हैं। यहां हुए चालान का कुल चौराहों पर हुए चालान का 60 से 70 प्रतिशत है।

रेड लाइट पर नहीं देते ध्यान

चालान के आंकड़े से साफ है कि जो भी चालान हुए हैं, वो करीब 70 से 80 फीसदी रेड लाइट को तोड़ने में हुए हैं जबकि 10 से 15 प्रतिशत चालान हेलमेट न पहनने पर किए गए हैं।

दो पहिया सबसे अधिक

सबसे अधिक चालान दो पहिया वाहन सवारों के हुए हैं, जिससे साफ है कि दो पहिया सवार सबसे अधिक रेड लाइट को नजरअंदाज कर रहे हैं। इनका प्रतिशत करीब 70 के आसपास है। वहीं 30 प्रतिशत चालान में चार पहिया गाडि़यां शामिल हैं।

66 चौराहों पर व्हीकल डिटेक्टर कैमरा

लखनऊ स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस एक्सपर्ट अनुज अवस्थी ने बताया कि कुल 80 चौराहों पर इंटेलीजेंट ट्रैफिक लाइट्स लगी हुई हैं। इनमें से 66 चौराहों में व्हीकल डिटेक्टर कैमरा (सर्विलांस) लगाए गए हैं जबकि दस चौराहे ऐसे हैं, जहां ई चालान हो रहे हैं।

100 चौराहों पर पीए सिस्टम

हजरतगंज, पॉलीटेक्निक, हैनीमैन चौराहे के बाद शहर के 100 चौराहों पर पीए (पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम) लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सिस्टम लगने के बाद अगर उक्त चौराहों से गुजरते वक्त कोई भी वाहन सवार ट्रैफिक नियम तोड़ेगा तो तत्काल कंट्रोल सेंटर से संबंधित चौराहे पर एनाउंसमेंट किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाला सचेत हो जाएगा। अगर इसके बाद भी वाहन सवार नहीं मानता है तो उसका ई चालान कर दिया जाएगा।

यह है कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईटीएमएस) के तहत शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद की जा रही है। यहां पर थर्ड फ्लोर पर बकायदा एक स्क्रीन रूम बना हुआ है, जहां 80 चौराहों का हर एक सेकंड का फीड आता है। इसी फीड के आधार पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसा जाता है। यहां पर हर दिन के हिसाब से ई चालान का आंकड़ा भी तैयार किया जाता है। आने वाले दिनों में इसे और अपग्रेड करने की तैयारी है।