लखनऊ (ब्यूरो)। जैसे-जैसे निकाय चुनावों की घड़ी नजदीक आ रही है, वार्डों में चुनावी हलचल देखने को मिलने लगी है। भले ही अभी परिसीमन तय न हुआ हो लेकिन पार्षद पद के संभावित प्रत्याशियों ने प्रचार संबंधी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि जो लोग अभी से चुनाव को लेकर मेहनत कर रहे हैैं, उन्हें टिकट मिलेगा भी या नहीं। वहीं दूसरी तरफ निगम मुख्यालय में बने पार्षद कक्ष में भी चुनावी चर्चाएं तेज हो गई हैं।

परिसीमन रिपोर्ट का इंतजार

नगर निगम की ओर से परिसीमन तैयार कर रिपोर्ट शासन के पास भेज दी गई है। जो रिपोर्ट भेजी गई है, उससे साफ है कि इस्माइलगंज समेत कई वार्डों का दायरा बढ़ेगा, वहीं कई वार्डों के दायरे में कमी आएगी। हालांकि, जब तक शासन से रिपोर्ट फाइनल नहीं होती है, तब तक इस बारे में कोई सटीक कयास नहीं लगाया जा सकता। परिसीमन संबंधी संभावित रिपोर्ट के आधार पर ही कई लोगों ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

नवंबर-दिसंबर में चुनाव

अभी निकाय चुनावों को लेकर कोई तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन वरिष्ठ पार्षदों की माने तो नवंबर या दिसंबर में चुनाव हो सकते हैैं। ऐसे में अब संभावित प्रत्याशियों के पास दो से ढाई माह का ही समय बचा है। इसे ध्यान में रखते हुए ही संभावित प्रत्याशियों की ओर से बकायदा वार्डों में बोर्ड तक लगा दिए गए हैैं। जिसके माध्यम से लोगों से उन्हें ही वोट दिए जाने की अपील की जा रही है।

सुख-दुख में हो रहे शामिल

संभावित प्रत्याशियों ने वार्ड की जनता के सुख-दुख में शामिल होना भी शुरू कर दिया है। कई संभावित प्रत्याशियों की ओर से तो वार्ड में स्थित प्रोविजन स्टोर्स, चाय और पान की दुकानों पर जाकर परिचर्चा करने का दौर भी शुरू कर दिया है। मोहल्लों में चुनावी चर्चा के अड्डे भी सजने लगे हैं।

परिसीमन आते ही दिखेगी रफ्तार

जैसे ही शासन की ओर से परिसीमन को लेकर लिस्ट पर मुहर लगेगी, उसी दिन से पार्षद चुनाव को लेकर वार्डों में सरगर्मियां और बढ़ जाएंगी। टिकट प्राप्त करने के लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ और कई अन्य शहरों तक संभावित प्रत्याशियों की ओर से दौड़ लगाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ पार्षदों की ओर से भी अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए सोर्स लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।

सीट तय न होने से अभी कंफ्यूजन

अभी यह तय नहीं हुआ है कि किस वार्ड में कौन सी सीट रहेगी। इस वजह से जो खुद को संभावित पार्षद प्रत्याशी मान रहे हैैं, वे अपने परिवार की महिला सदस्य के नाम को लेकर भी प्रचार-प्रचार कर रहे हैैं। उनका कहना है कि अगर वार्ड से महिला सीट हो गई तो वह अपनी मां या पत्नी को चुनावी मैदान में उतारेंगे और अगर पुरुष सीट ही रही तो वह खुद अपनी किस्मत अजमाएंगे।

फोन नंबर्स की लिस्ट बना रहे

संभावित पार्षद प्रत्याशियों की ओर से अपने वार्ड के लोगों के मोबाइल नंबर अपडेट करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए कई संभावित पार्षद प्रत्याशियों ने तो डोर टू डोर नॉकिंग भी शुरू कर दी है, जबकि कई संभावित पार्षद प्रत्याशी अपने क्षेत्र में स्थित प्रोविजन स्टोर, मेडिकल स्टोर में खड़े होकर वार्ड की जनता के मोबाइल नंबर अपडेट कर रहे हैैं। कुल मिलाकर प्रयास यही है कि अगर उन्हें चुनावी टिकट मिल जाता है तो वह बिना वक्त गंवाए जनता को अपने साथ जोडऩे का काम शुरू कर देंगे और उनका प्रयास यही रहेगा कि अधिक से अधिक वोट उनके खाते में आएं।

पुरानी गलतियों से ले रहे सबक

वार्डों में जो लोग निकाय चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं, उनमें से अधिकांश पहले भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैैं। हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली है। उनका कहना है कि इस बार चुनावी मैदान में अगर उन्हें टिकट मिलता है तो पिछली गलतियों को नहीं दोहराएंगे। पर अभी सबका फोकस परिसीमन और सीट की स्थिति को लेकर है। सारी तस्वीर साफ होने के बाद वार्डों में चुनावी माहौल और गर्म होता हुआ नजर आएगा।