लखनऊ (ब्यूरो)। टीपीनगर और गोमतीनगर योजना में हुए संपत्तियों की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने के लिए एलडीए प्रशासन की ओर से कई कदम उठाने की तैयारी की गई है। एक तरफ तो सभी संपत्तियों के अभिलेखों की जांच की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ, अब रजिस्ट्री के दौरान फाइलों में हुए हस्ताक्षरों के मिलान की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। जिससे यह पता लग सके कि फर्जी रजिस्ट्री के दौरान किन-किन लोगों ने अपने हस्ताक्षर किए थे। जब कंपाइल रिपोर्ट सामने आ जाएगी, तब उस दौरान उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

दो दर्जन से अधिक फर्जीवाड़ा

एलडीए की टीपी नगर योजना और गोमतीनगर योजना में दो दर्जन से अधिक कॉमर्शियल संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री किए जाने के मामले सामने आ चुके हैैं। इनकी जांच एलडीए प्रशासन द्वारा की जा रही है। वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि कई अन्य योजनाओं में भी खेल किया गया है। जिसके बाद एलडीए प्रशासन ने सभी योजनाओं में संपत्तियों की स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराने का निर्णय लिया है।

एक-एक रजिस्ट्री की होगी जांच

एलडीए प्रशासन की ओर से पूर्व में जितनी भी संपत्तियों की रजिस्ट्रियां हुई हैैं, उनकी जांच कराए जाने का निर्णय लिया है। इस दौरान देखा जाएगा कि रजिस्ट्री कब और किसके पक्ष में हुई। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि रजिस्ट्री में गवाह कौन कौन थे। इसकी वजह यह है कि पूर्व में जो जांच हुई हैैं, उसमें साफ हुआ है कि रजिस्ट्री के दौरान फर्जी गवाहों का सहारा लिया गया था। इसके कारण गवाहों की अलग से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। यह रिपोर्ट सीधे वीसी के पास भेजी जाएगी फिर उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

कॉमर्शियल प्लॉट्स पर फोकस

एलडीए की ओर से कॉमर्शियल प्लॉट्स पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कॉमर्शियल प्लॉट्स में ज्यादा खेल किया गया है। दरअसल, कॉमर्शियल प्लॉट्स की कीमत अधिक होती है, इस वजह से उसमें ही ज्यादा खेल किया जाता है। वहीं, कॉमर्शियल प्लॉट्स की फर्जी रजिस्ट्री किए जाने से प्राधिकरण को रेवेन्यू संबंधी नुकसान भी होता है। जब स्टेटस रिपोर्ट बन जाएगी तो साफ है कि यह आसानी से पता चल जाएगा कि कितनी संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री की गई और कितनी कॉमर्शियल संपत्तियां अभी शेष बची हुई हैैं।