लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप शहर के बाहर रो-हाउस खरीदने जा रहे हैैं तो जरा ध्यान दें। हो सकता है कि जिस प्रोजेक्ट में आप अपना आशियाना खरीदें, वह बाद में आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर दे। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर रो-हाउस प्रोजेक्ट्स नियम विरुद्ध बन रहे हैैं। आलम यह है कि लैैंड यूज में खेल करके निर्माणकर्ताओं की ओर से रो-हाउसेस का निर्माण कराया जा रहा है। अगर ऐसी साइट्स में कोई रो-हाउस खरीदा जाता है, तो भविष्य में संबंधित को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

एलडीए ने कराए चिन्हित

हाल में ही एलडीए की ओर से कई रो-हाउस प्रोजेक्ट्स को लेकर सर्वे कराया गया है। जिसमें यह जानकारी सामने आई है कि करीब 90 से अधिक ऐसी साइट्स हैैं, जिनमें रो-हाउसेस के निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी की गई है। इसके साथ ही कई में तो भू परिवर्तन का भी खेल किया गया है। इतना ही नहीं, कई प्रोजेक्ट्स में प्राधिकरण से नक्शा तक पास नहीं कराया गया है। जिसकी वजह से अब एलडीए की ओर से इन्हें नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है।

ये होते हैैं रो-हाउस प्रोजेक्ट्स

रो-हाउस प्रोजेक्ट्स की बात की जाए तो यह एक आवासीय श्रंृखला होती है। इसमें डेवलपर की ओर से एक जैसे और एक ही साइज के मकानों का निर्माण कराया जाता है। इसकी कीमत 35 लाख से लेकर 60 लाख तक हो सकती है। एक अहम बिंदु यह भी है कि ज्यादातर रो-हाउस प्रोजेक्ट्स का निर्माण शहर के बाहरी क्षेत्र में ही कराया जाता है, ताकि प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई से बचा जा सके। हालांकि, सभी रो-हाउस प्रोजेक्ट्स अवैध नहीं हैं।

कृषि योग्य भूमि पर अधिक निर्माण

एलडीए के सर्वे में यह भी जानकारी सामने आई है कि ज्यादातर रो-हाउसेस का निर्माण कृषि योग्य भूमि पर कराया जा रहा है। जब तक प्राधिकरण से भू परिवर्तन नहीं कराया जाता, तब तक कृषि भूमि पर इस तरह के निर्माण नहीं कराए जा सकते। एलडीए की ओर से यह भी देखा जा रहा है कि कितनी ऐसी साइट्स हैैं, जिनमें आवासीय योजना से जुड़े एक भी नियम को फॉलो नहीं किया गया है। ऐसे निर्माणाधीन रो-हाउसेस के खिलाफ तत्काल सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी साथ ही ध्वस्तीकरण अभियान भी चलाया जाएगा।

यहां कराया सर्वे

एलडीए की ओर से सीतापुर रोड, गोमतीनगर विस्तार (भरवारा), जानकीपुरम विस्तार, कानपुर रोड (आउटर एरिया) में रो-हाउसेस को लेकर विशेष सर्वे कराया गया है। अभी तो एलडीए की ओर से निर्माणाधीन रो-हाउसेस के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी की गई है, वहीं इसके बाद नए सिरे से पूर्व में निर्मित रो-हाउसेस पर भी शिकंजा कसा जाएगा। प्राधिकरण ने जनता से भी अपील की है कि भू परिवर्तन और नक्शा इत्यादि जांच करने के बाद ही इन प्रोजेक्ट्स में इंवेस्ट करें।

निर्माणाधीन अपार्टमेंट्स पर भी शिकंजा

एलडीए की ओर से आउटर एरिया में बनाए जा रहे अपार्टमेंट्स पर भी शिकंजा कसने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए भी विशेष टीमों का गठन किया गया है। एलडीए की ओर से इनके नक्शों की जांच कराए जाने के साथ ही ले आउट और लैैंड यूज को देखा जा रहा है। जो भी अवैध निर्माण सामने आएंगे, उनके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाएगा।

अवैध रूप से निर्मित हो रहे रो-हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई संबंधी कदम उठाया जा रहा है। अभी 90 से अधिक रो-हाउसेस साइट्स ऐसी सामने आई हैैं, जिनमें नियमों को नजरअंदाज किया गया है।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए