- पांच कारणों से राजधानी की हवा में घुले प्रदूषण का लगभग हो गया खात्मा
- 1 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक एक्यूआई लेवल 150 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के नीचे रहा
LUCKNOW
अगर आप सुबह या शाम वाक पर जाते हैं तो अब आपको हवा में सांस लेने में तकलीफ का अनुभव नहीं होता होगा। पहले जहां खुली हवा में सांस लेने पर आंखों में जलन महसूस होती होगी, वहीं अब आसानी से खुली हवा का आनंद लेते होंगे। इसकी वजह यह है कि राजधानी की हवा में पॉल्यूशन लेवल लगभग समाप्त हो चुका है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो सब कुछ अनलॉक होने पर भी हवा की गुणवत्ता लगातार मेनटेन बनी हुई है। इसकी वजह है पांच प्रमुख कारण। जिसकी वजह से एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) लेवल 100 से भी नीचे बना हुआ है।
150 के पार नहीं गया एक्यूआई
सीपीसीबी के आंकड़ों को देखें तो 1 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक एक भी दिन राजधानी में एक्यूआई लेवल 150 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के पार नहीं गया है। दो जुलाई को ही सबसे अधिक एक्यूआई 142 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। वहीं इसके बाद तीन जुलाई को एक्यूआई 125 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। ज्यादातर अन्य दिनों में एक्यूआई 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।
ये 5 कारण बने कारगर
1- 25 प्रतिशत पेट्रोल वाहन कम
कोरोना के कारण काफी हद तक लोग बेवजह घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। जिससे रोड पर वाहनों का लोड काफी कम हुआ है। उप्र पेट्रोलियम ट्रेडस एसोसिएशन के पदाधिकारियों की माने तो अनलॉक होने के बाद भी पेट्रोल पंप पर आने वाले डीजल वाहनों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। सामान्य दिनों के मुकाबले वर्तमान समय में डीजल वाहनों में 50 प्रतिशत वाहनों की गिरावट आई है। इसी तरह पेट्रोल वाहनों की संख्या में 25 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
2- कूड़े में आग
हवा में पॉल्यूशन लेवल डाउन होने में इस कारण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पहले जहां अमूमन कूड़े के ढेरों में आग लगाए जाने संबंधी मामले सामने आते थे, वहीं कोरोना काल में निगम प्रशासन ने इस समस्या को दूर करने में खासा फोकस किया है। जिससे कूड़े के ढेरों में आग लगाने के मामले 90 प्रतिशत तक कम हो गए हैं।
3- हरियाली
कोरोना के चलते मार्च माह से हुए लॉकडाउन से रोड पर वाहनों का लोड लगभग शून्य हो गया। इसका सीधा फायदा हरियाली पर हुआ। इस समय लोहिया पथ समेत प्रमुख मार्गो के किनारे बिखरी हरियाली को आसानी से देखा जा सकता है। इसका सीधा असर एक्यूआई लेवल पर पड़ रहा है।
4- बारिश
हरियाली तो पहले से मेनटेन है। इस महीने मानसूनी बारिश होने से स्थिति और बेहतर हो गई है। भले ही भारी बारिश न हुई हो लेकिन समय-समय पर हुई हल्की बारिश से भी पेड़ों आदि पर चिपके रहने वाले डस्ट पार्टिकल साफ हो गए हैं। जिससे हवा की गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।
5- 55 घंटे का लॉकडाउन
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हाल में ही प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार रात 10 बजे से 55 घंटे का लॉकडाउन किया जा रहा है। जिससे शनिवार और रविवार को रोड पर वाहनों का लोड दो से तीन प्रतिशत ही रह जाती है। वाहनों का प्रेशर कम होने से भी हवा में पॉल्यूशन लेवल शून्य है।
एक्यूआई लेवल एक नजर में
दिनांक एक्यूआई
1 जुलाई 68
2 जुलाई 142
3 जुलाई 125
4 जुलाई 114
5 जुलाई 69
6 जुलाई 104
7 जुलाई 51
8 जुलाई 67
9 जुलाई 58
10 जुलाई 57
11 जुलाई 55
12 जुलाई 58
13 जुलाई 59
14 जुलाई 72
15 जुलाई 128
16 जुलाई 70
17 जुलाई 97
18 जुलाई 104
19 जुलाई 74
20 जुलाई 67
21 जुलाई 53
22 जुलाई 55
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में हैं)
अनलॉक होने के बाद भी पेट्रोल पंप आने वाले डीजल और पेट्रोल वाहनों की संख्या में गिरावट आई है। डीजल वाहनों में जहां 50 प्रतिशत की गिरावट है, वहीं पेट्रोल वाहनों में 25 प्रतिशत की।
रंजीत कुमार, अध्यक्ष, उप्र पेट्रोलियम ट्रेडस एसोसिएशन
पॉल्यूशन ग्राफ के न बढ़ने से इसका असर सांस के रोगियों की संख्या में कमी के तौर पर देखने को मिला है। पहले के मुकाबले सांस के मरीजों को राहत मिली है।
डॉ। एके गुप्ता, चेस्ट स्पेशलिस्ट, बलरामपुर हॉस्पिटल
बारिश की वजह से जो डस्ट पार्टिकल पेड़ों पर चिपके हुए थे, वो साफ हो गए हैं। इसके साथ कम संख्या में गाड़ी निकलने से भी पॉल्यूशन में कमी आई है।
आलोक धावन, डायरेक्टर, आईआईटीआर
पहले ही वार्निग दी जा चुकी है कि अगर कोई भी व्यक्ति सड़क किनारे या खाली प्लाट में कूड़ा जलाता मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस वार्निग का असर देखने को मिल रहा है।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त