लखनऊ (ब्यूरो)। लोहिया संस्थान का विवादों से काफी पुराना नाता है। हर कुछ माह में यहां कोई न कोई नया घोटाला सामने आता रहता है। इसकी जांच के लिए कमेटी भी बनाई जाती हैं लेकिन जांच किसी निष्कर्ष तक पहुंचती ही नहीं है। ये चंद मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां जांच सिर्फ दिखावे के लिए की जाती है। अधिकारी जांच हो रही है, कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे में घोटालों की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े होते हैं

केस 1

संस्थान में 2 अप्रैल को ऑनलाइन फीस जमा होने लेकिन रकम के खाते में न आने की बात सामने आई थी। जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई थी। करीब, डेढ़ माह बाद भी कमेटी अभी तक जांच ही कर रही है। कमेटी को कितने का घोटाला हुआ इसकी भी जानकारी नहीं है।

केस 2

संस्थान में मरीजों को दलाल द्वारा दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराने के आरोप लगते रहे हैं। 28 अप्रैल को एक और मामला सामने आने पर एक रेजिडेंट का निलबिंत कर जांच कमेटी गठित कर दी गई लेकिन इस मामले में और कौन-कौन दोषी है, इसके बारे में पता नहीं चल सका है। जांच कब खत्म होगी, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है।

केस 3

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा 12 मई को संस्थान में औचक निरीक्षण के दौरान करोड़ों की एक्सपायर्ड दवा के बारे में पता चला। जिसको लेकर जांच बैठा दी गई है। संस्थान के पुराने रिकार्ड को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में भी जांच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचेगी।

जांच रिपोर्ट का हो रहा इंतजार

लोहिया संस्थान में दलालों द्वारा मरीजों को निजी अस्पातल में ले जाना, इसमें संस्थान के डॉक्टर्स का संलिप्तता, ऑनलाइन फीस जमा होने के बावजूद रकम का खाते में नहीं पहुंचना समेत ऐसे कई मामले हैं जिनकी जांच की जा रही है। लेकिन, जांच कमेटी किसी निष्कर्ष पर नहीं निकल पा रही है। ऐसे में दोषियों को अपने बचाव का समय भी मिल रहा है। जिसकी वजह से यह जांच कमेटी भी सवालों के घेरे में आ रही है। जांच कमेटी को पता ही चल पा रहा है कि असल में इन मामलों में दोषी कौन है।

जांच चल रही है

वहीं, मामले को लेकर लोहिया संस्थान प्रशासन द्वारा लीपापोती का काम लगातार जारी है। सीएमएस डॉ। राजन भटनागर का कहना है कि ऑनलाइन फीस मामले को लेकर कितने का नुकसान हुआ है इसकी पूरी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। इस मामले की अभी जांच चल रही है। जहां तक दलाली मामले में डॉक्टर का नाम सामने आया था। उसकी भी जांच अभी अभी जारी है। हालांकि, डॉक्टर का एक्सटेंशन नहीं बढ़ाया जायेगा। साथ ही मामले की जानकारी पुलिस को दी है। वो ही आगे कार्रवाई करेगी।

ऑनलाइन फीस मामले को लेकर कितना नुकसान हुआ है, इसकी अभी जांच चल रही है। दलाली के मामले की भी जांच की जा रही है।

-डॉ। राजन भटनागर, सीएमएस, लोहिया संस्थान