- उप्र राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2020 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी, मॉनसून सत्र में बिल लाएगी सरकार

- विकास परियोजनाओं और उद्योगों के लिए जमीन तेजी से उपलब्ध कराने के लिए भी हुए बदलाव

रुष्टयहृह्रङ्ख : यूपी सरकार ने प्रदेश में थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार और उत्तराधिकार देने का फैसला किया है। इसके लिए थर्ड जेंडर के व्यक्ति को भू-खातेदार के परिवार के सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय किया गया है। मंशा है कि थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को भी अन्य लोगों के समान अधिकार और सामाजिक मान्यता मिल सके। इस मकसद से सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2020 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में यह विधेयक पेश करेगी।

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एमएसएमई एक्ट मंजूर, 72 घंटे में मिलेगी उद्योग की मंजूरी

रुष्टयहृह्रङ्ख (18 न्ह्वद्द): उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग का अहसास कराने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (अवस्थापना एवं संचालन) अधिनियम को मंजूरी देकर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि कोई भी एमएसएमई इकाई लगाने के लिए अब निर्धारित प्रारूप पर प्रपत्र भरकर देने पर ही मात्र 72 घंटे में ही स्वीकृति मिल जाएगी। इसके बाद अगले 900 दिन तक उद्यमी को किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए इस अधिनियम को स्वीकृति दे दी गई। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ.नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार के मुताबिक प्रदेश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एमएसएमई उद्यमियों की उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और संचालन को सुगम बनाने के लिए ही इस अधिनियम के माध्यम से अनापत्ति प्रमाण पत्रों और निरीक्षणों से छूट दी गई है। यह अधिनियम अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगा। डॉ.सहगल ने बताया कि एमएसएमई के माध्यम से प्रदेश में सबसे अधिक रोजगार सृजित हो रहे हैं। इस अधिनियम को लागू कर अगले एक वर्ष में 15 लाख नए रोजगार के अवसर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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नहीं लेनी होगी 29 विभागों से 80 एनओसी

किसी भी औद्योगिक इकाई की स्थापना में सरकारी औपचारिकताएं इतनी थीं कि उद्यमी विभागों के चक्कर काटते रहते थे। एक उद्योग लगाने के लिए 29 विभागों से कुल 80 अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने होते हैं। एनओसी तो अब भी लेनी होगी, लेकिन अब इसके लिए पूरे 900 दिन का वक्त मिलेगा। 72 घंटे में उद्योग स्थापना की स्वीकृति मिलने के बाद उद्योग लगाएं, संचालन शुरू करें और फिर निवेश मित्र पोर्टल के जरिए धीरे-धीरे एनओसी की औपचारिकताएं पूरी करते रहें। अनुमति देने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। वहीं, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग की अध्यक्षता में उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।

इन उद्योगों पर लागू नहीं होगा अधिनियम

तंबाकू उत्पाद, गुटखा, पान मसाला, अल्कोहल, वातयुक्त पेय पदार्थ, कार्बोनेटेड उत्पाद, पटाखों का निर्माण, 40 माइक्रोन से कम या समय-समय पर सरकार द्वारा निर्दिष्ट मोटाई से कम के प्लास्टिक कैरी बैग तथा उप्र प्रदेश नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित लाल श्रेणी की इकाइयां।