लखनऊ (ब्यूरो)।
1- ई रिक्शा
मुंशीपुलिया से चारबाग तक ई-रिक्शा की अराजकता के चलते चौराहों पर जाम लगता है। ई-रिक्शा के चलते ही मुंशीपुलिया, कलेवा तिराहा, लेखराज, बादशाहनगर और चारबाग चौराहे से निकलना मुश्किल हो जाता है।

2- रोड पर पार्किंग
इस रूट पर सिकंदरबाग से हजरतगंज व विधानसभा को छोड़ दिया जाए तो हर जगह पार्किंग की समस्या है। कहने को तो यह रोड 40 फीट की है लेकिन चलने के लिए 20 फीट से अधिक रोड आपको नहीं मिलती है। सर्वाधिक खराब हालात लेखराज से बादशाह नगर स्टेशन तक रहते हैं। इसका मेन कारण यह है कि यहां तीन किमी की दूरी में करीब दो हजार से अधिक वाहन रोड पर खड़े रहते हैं।

3- चौराहों पर अत्यधिक ट्रैफिक
इस रूट पर मुंशीपुलिया, कलेवा तिराहा, बादशाह नगर रेलवे स्टेशन, निशातगंज नवनीत राय द्वार सिकंदरबाग, हजरतगंज, बर्लिंग्टन चौराहा और चारबाग चौराहे पर ट्रैफिक का काफी लोड है। ई-रिक्शा, ऑटो, टेंपो, नगर बस भी यहां जाम को बढ़ाने का काम करती हैं।

4- रोड तक अतिक्रमण
12 किमी के इस रूट पर जाम लगने का एक प्रमुख कारण अतिक्रमण भी है। मुंशीपुलिया से कलेवा के बीच फ्लाईओवर निर्माण कार्य के चलते हालात खराब हैं। लेखराज से बादशाह नगर स्टेशन तक फुटपाथ पूरी तरह गायब हो चुके हैं और रोड तक दुकानें सज रही हैं। चारबाग एरिया का भी कुछ यही हाल है।

5- ट्रैफिक कंट्रोलर न होना
इस रूट पर 8 चौराहों पर ही ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी है। वहीं कुछ चौराहे, कट और तिराहे ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक कंट्रोलर न होने के चलते आए दिन लंबा जाम लग जाता है।

इन सुझावों पर अमल करें तो बन जाएगी बात

इस रूट पर जाम की समस्या के समाधान के लिए जब व्यापार मंडल के पदाधिकारियों, पुलिस, ट्रैफिक पुलिस से बात की गई तो कुछ ऐसे बिंदु सामने आए, जिन पर अमल कर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

1- सवारी व्हीकल का प्रॉपर स्टैैंड बने
व्यापारियों एवं लोगों का कहना है कि ई-रिक्शा, ऑटो, टेंपो का प्रॉपर स्टैंड बनाया जाए। जिससे ये रोड पर खड़े होकर सवारियां न भरें। इससे जाम की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।

2- पहले आप को किया जाए फॉलो
यूपी व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता का कहना है कि जाम से निपटने के लिए लखनऊ की पुरानी परंपरा को नए तरीके से फॉलो करना होगा। बिल्डिंग हटाई नहीं जा सकतीं और रोड चौड़ी नहीं हो सकती हैं। ऐसे में रोड पर पंक्तिबद्ध तरीके से चलकर जाम खत्म कर सकते हैं।

3- व्हीकल शेयरिंग पर करें फोकस
इस रूट पर कई बड़ी मार्केट हैं, जहां रोज हजारों की संख्या में लोग आते हैं। अगर व्यापार मंडल में ही व्हीकल शेयरिंग कल्चर डेवलप हो तो रोड पर गाडिय़ां कम खड़ी होंगी। वहीं सरकारी और प्राइवेट पार्किंग में ही गाडिय़ां खड़ी की जाएं। इस रूट पर मेट्रो है, लोग मेट्रो में सफर करें तो रोड से जाम खत्म हो सकता है।

4- तैनात हों ट्रैफिक पुलिसकर्मी
इस रूट पर कई ऐसे तिराहे व चौराहों के साथ कट हंै जहां ट्रैफिक ड्यूटी न होने से जाम लगता है। इन चौराहों पर अगर प्रॉपर ड्यूटी लगे तो समस्या खत्म हो सकती है।

5- ट्रैफिक लोड पर हो सिग्नल टाइम
चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल्स की टाइमिंग ट्रैफिक लोड के हिसाब से तय की जाए। पीक ऑवर में इसे बढ़ाया जाए और फिर कम कर दिया जाए। इससे रेड लाइट होने पर चौराहों पर ट्रैफिक लोड नहीं बढ़ेगा और जाम की समस्या कुछ कम हो जाएगी।

इस समस्या को दूर करने के लिए पुलिस के साथ लोगों को भी अपनी इच्छा शक्ति को बढ़ाना होगा। छोटे-छोटे बदलावों को करके इस समस्या को दूर किया जा सकता है। हम इसके लिए तैयार हैं, पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी निभाए।
-संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आर्दश व्यापार मंडल

मार्केट एरिया में अगर कम दर पर सरकारी या प्राइवेट पार्किंग दी जाए तो शायद जाम की स्थिति से निपटा जा सकता है। इसके अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट को दुरस्त किया जाना चाहिए।
-विपिन अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री निशातगंज व्यापार मंडल

मुंशीपुलिया चौराहे से अवैध ई रिक्शा स्टैैंड हटाकर समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़े और सर्विस लेन पर अवैध अतिक्रमण हटाने से स्थिति सुधर सकती है।
-राजेश सोनी, संरक्षक मुंशी पुलिया व्यापार एसोसिएशन

जाम से छुटकारा दिलाने के लिए व्यापारी वर्ग के साथ-साथ लोगों से लगातार सुझाव मांगे जा रहे हैं। ग्राउंड पर जाकर यह देखा जा रहा है कि थोड़ा बदलाव करने से स्थिति सुधर सकती है तो उसे किया जा रहा है। आने वाले सुझाव पर काम भी किया जा रहा हैै।
-अजय कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक