लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी की पीएचडी प्रवेश परीक्षा की शुरुआत रविवार को हुई। पहले दिन 19 विषयों की परीक्षा हुई। दो पालियों में हुई परीक्षा में 169 कैंडीडेट गैरहाजिर रहे। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक हुई। पहली पाली में 148 कैंडीडेट रजिस्टर्ड थे, जिनमें से 108 प्रजेंट और 40 अब्सेंट रहे। वहीं, दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक हुई। इसके लिए 594 में से 465 स्टूडेंट्स उपस्थित और 129 अनुपस्थित रहे। एलयू वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा का निरीक्षण भी किया।

ट्रिकी सवालों में उलझे

पेपर देने पहुंचे कैंडीडेट में से कुछ को पेपर आसान लगा। हालांकि, कुछ ने पेपर के सवालों को ट्रिकी बताया। पेपर में 70 सवालों के मल्टीचॉइस क्वेश्चन पूछे गए। इनमें कोई निगेटिव मार्किंग नहीं थी। दूसरी पाली में संस्कृत की परीक्षा देने पहुंचे शुभम ने बताया कि पेपर में भले ही एमसीक्यू सवाल पूछे गए, लेकिन इनको सॉल्व करने में समय लगा। हालांकि, नेहा को पेपर आसान लगा। उन्होंने कहा कि पेपर में मॉडरेट सवाल पूछे गए।

आज भी दो पालियों में होगी प्रवेश परीक्षा

सोमवार को भी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा होगी। सुबह की पाली में लॉ, ओरिएंटल संस्कृत, फ्रेंच, जियॉलजी, लिंग्विस्टिक, इकॉनमिक्स, एआईएच, फाइन आट्र्स एजुकेशन का एग्जाम होगा। वही, दोपहर की पाली में फिजिकल एजुकेशन, हिंदी, फिलॉसिफी, मैथमेटिक्स, सोशल वर्क, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस स्टडीज, बॉटनी, हिन्दी, साइकॉलजी, एमआईएच, कॉमर्स और केमिस्ट्री का एग्जाम होगा।

शिक्षक के निधन पर शोक

लखनऊ विश्वविद्यालय के ओरियंटल अरेबिक एंड पर्शियन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ। तकी अली आब्दी का दिल का दौरा पडऩे से रविवार सुबह चार बजे देहांत हो गया। लूटा अध्यक्ष डॉ। विनीत वर्मा ने बताया कि जून 2004 में डॉ। तकी अली का ओरिएंटल अरेबिक एंड पर्शियन विभाग में सहायक प्रोफेसर पद पर विनियमितीकरण हुआ था। 2024 में उन्हें सेवानिवृत्त होना था। वह अपने विभाग के सबसे वरिष्ठ शिक्षक थे। इन्होंने कई किताबें भी लिखीं। शिक्षक संघ ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।

एनईपी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 20 को

लखनऊ विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग में 20 मार्च को उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 का कार्यान्वयन और प्रभाव पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं यूपी स्टेट काउंसिल आफ हायर एजुकेशन के सदस्य सचिव डॉ। सुधीर एम बोबडे उपस्थित रहेंगे।

एलयू में तीन महीने बाद भी तय नहीं मूक

लखनऊ विश्वविद्यालय ने पहली बार डिग्री कालेजों के शिक्षकों को पीएचडी करने का मौका देते हुए छह महीने के आनलाइन या मैसिव ओपेन आनलाइन कोर्स (मूक) की सुविधा देने के लिए कहा था, लेकिन तीन महीने बाद भी अब तक विश्वविद्यालय कई विषयों में मूक नहीं तय कर पाया है। दो दिन पहले लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ ने कुलपति के साथ वार्ता में इस तरह की कई समस्याएं बताईं, जिस पर कुलपति ने निस्तारण का आश्वासन दिया।