लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद उपभोक्ताओं के साथ विजिलेंस टीम की 'डीलिंग' रोकने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। दरअसल, विजिलेंस टीम हो या सबस्टेशन से जाने वाली जांच टीम, सभी को अब अपने साथ बॉडी वॉर्न कैमरा कैरी करना होगा, जिसके माध्यम से बिजली चोरी अभियान की सारी रिकॉर्डिंग होगी साथ ही जीपीएस ट्रैकिंग भी हो सकेगी। उपभोक्ता परिषद की ओर से भी लंबे समय से इस दिशा में मांग की जा रही थी और अब यह कदम इंप्लीमेंट होने जा रहा है।

व्यवस्था पहले ही लागू होनी चाहिए थी

बिजली चोरी के मामले में विजिलेंस टीम और विभागीय टीम द्वारा अनेकों मामलों में अक्सर खेल किए जाने के आरोप लगते रहते हैैं। हाल में ही आगरा में ऐसा प्रकरण सामने भी आ चुका है, जिसके आधार पर दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। कई बार उपभोक्ताओं की ओर से यह भी आरोप लगाया जाता है कि बेवजह बिजली चोरी पकड़ी गई है, लेकिन उपभोक्ता के पास कोई साक्ष्य नहीं होता। ऐसे में उपभोक्ता को ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उपभोक्ता परिषद लंबे समय से यह मांग उठाता रहा है कि बिजली विभाग की विजिलेंस टीम व जांच टीम को अनिवार्य रूप से बॉडी वॉर्न कैमरा दिया जाए और वह जीपीएस से अटैच रखा जाए। जिससे उनके जांच समयविधि की पूरी रिकॉर्डिंग उसमें उपलब्ध रहे और सतत उसकी मॉनिटरिंग की जाए। सभी बिजली कंपनियों में 5000 करोड़ से ज्यादा सालाना बिजली चोरी होती है। अगर सही से बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तो यह आंकड़ा खासा कम हो सकता है।

जीपीएस सिस्टम से लैस होंगी टीमें

अब पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और यह संभावना जताई है कि जल्द ही प्रदेश की बिजली कंपनियों में व पावर कारपोरेशन में विजिलेंस विंग पूरी तरीके से बॉडी वॉर्न कैमरा और जीपीएस सिस्टम से लैस होगी। इसकी मॉनिटरिंग भी विभाग करेगा, जिससे बिजली चोरी में डीलिंग करने वाले मामलों का काफी हद तक पर्दाफाश होगा और बिजली चोरी के मामलों में डील नहीं हो पाएगी।

पावर कारपोरेशन प्रबंधन से की बात

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को इस मामले पर जब पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से बात की और जल्द से जल्द इस व्यवस्था को लागू किए जाने की जरूरत बताई। इस पर पावर कॉरपोरेशन एमडी ने उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द ही टीमें बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस होंगी।

ये होंगे फायदे

1-रियल टाइम बिजली चोरी पकड़ी जा सकेगी

2-बेवजह उपभोक्ता परेशान नहीं होंगे

3-पेनाल्टी का सही निर्धारण

4-बिजली चोरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई

5-कोई गठजोड़ नहीं चलेगा

6-चेकिंग अभियान की नियमित मॉनीटरिंग

जमकर हो रही बिजली चोरी

पूरे प्रदेश में जमकर बिजली चोरी हो रही है। विजिलेंस टीम की ओर से कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन बिजली चोरी कदम पर शत प्रतिशत लगाम नहीं लग पा रही है। हाल ही में जो आंकड़ा सामने आया था, उससे साफ था कि मध्यांचल डिस्कॉम के अंतर्गत हर महीने 82 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है, जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा 400 करोड़ से अधिक था। जब सटीक तरीके से बिजली चोरों के खिलाफ अभियान चलेगा तो साफ है कि बिजली चोरी का आंकड़ा डाउन होगा और ईमानदार उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली सप्लाई की सुविधा मिल सकेगी साथ ही उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग और लो वोल्टेज इत्यादि की प्रॉब्लम से भी निजात मिल जाएगी।