लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि वैक्सीन को बाजार में लाने से पहले खरगोश, चूहे और फिर बंदर पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है। इसके बाद इसका ट्रायल इंसानों पर किया जाता है। को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए जब बंदर नहीं मिले तो वन विभाग से मदद मांगी गई लेकिन कामयाबी नहीं मिली। काफी खोजबीन के बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के जंगलों से 20 बंदर पकड़कर लाए गए।
बंदरों में वायरस भेजने में आई अड़चन
इनका किया गया सम्मान
- प्रो धवेंद्र कुमार गोल्ड मेडल स्त्री रोग विभाग की प्रो। स्मृति अग्रवाल और नेत्र विज्ञान विभाग के डॉ। सिद्धार्थ अग्रवाल को दिया गया।
- सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार डॉ। शिल्पा त्रिवेदी को मिला।
- बेस्ट प्री-क्लिनिकल पेपर के लिए प्रो। शैलेंद्र सक्सेना सम्मानित।
- सबसे उच्च पैरा-क्लिनिकल पेपर के लिए प्रो। गीता यादव का सम्मान।
- बेस्ट क्लिनिकल-मेडिकल पेपर के लिए प्रो। हरदीप सिंह मल्होत्रा सम्मानित।
- बेस्ट क्लिनिकल-सर्जिकल पेपर के लिए सम्मान प्रो। अभिजीत चंद्रा को।
- बेस्ट डेंटल फैकल्टी पेपर के लिए डॉ भास्कर अग्रवाल सम्मानित।
- पीजी छात्रों-पीएचडी और एमएससी नर्सिंग छात्रों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पेपर डॉ दीप चक्रवर्ती को।
- यूजी छात्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पेपर अहमद ओजैर एमबीबीएस 2016 बैच को सम्मानित किया गया।
- सर्वश्रेष्ठ पेपर के लिए डॉ प्रज्ञा पांडे सम्मानित।
2021-22 के लिए उच्चतम युवा इंट्रा म्यूरल शोध अनुदान प्रस्ताव अवार्ड डॉ पारुल जैन, डॉ सुरुचि शुक्ला, डॉ अर्पिता भृगुवंशी, डॉ सुरेश चंद, डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह और डॉ आयुष शुक्ला को दिया गया।