- कोरोना में अनाथ हुआ, कम्प्यूटर साईंस का है विशेषज्ञ

- पढ़ाई के साथ कम्प्यूटर की गुत्थियां सुलझाना है शौक lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: अलीगंज निवासी विशाल (बदला नाम) आठवीं क्लास में एक प्राईवेट स्कूल में पढ़ता है, पढ़ाई के साथ उसे कम्प्यूटर पर नई चीजें करने का उसका पैशन है। उसकी मां बताती हैं कि एकबार उसने अपने पिता का लैपटॉप पर कुछ काम करने के लिए मांगा, लेकिन पिता ने लैपटॉप नहीं दिया। उसके पिता उस समय फेसबुक अकाउंट पर व्यस्त थे। विशाल ने अपनी मां का फोन मांगा और आधे घंटे बाद ही जाकर अपने पिता को बताया कि आपके फेसबुक का पासवर्ड यह है ना। इतना सुनते ही वे हैरान रह गए। विशाल को नहीं पता एथिकल या कोई कोर्स इसे लेकर चलता है, लेकिन उसने खेल-खेल में इन चीजों को समझ लिया है। कम उम्र में ही वह घर के सारे काम ऑनलाइन कर देता है वह भी बिना किसी गलती के जैसे बिजली बिल का भुगतान, गैस बुकिंग से लेकर बैकिंग के सारे कार्य वह जानता है।

समाज को आगे आना होगा

कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों में अनेक ऐसे बच्चे हैं जो प्रतिभा सम्पन्न हैं, लेकिन अब उनको चिंता अपने करियर, पढ़ाई से लेकर परिवार की होने लगी है। विशाल भी उन्हीं बच्चों में से एक है। दो भाईयों में वह बड़ा है, अब घर में कोई नहीं है सिर्फ मां है। मां को उदास देखकर वह हिम्मत दिलाता है जबकि खुद अकेले में गुमशुम बैठा रहता है। वह चाहता है कि बड़ा होकर साफ्टवेयर इंजीनियर बने, लेकिन अब उसका सपना कैसे पूरा होगा। आगे की जिंदगी चुनौती बन गई है। कोई मदद करने वाला नहीं है, अब तो उसे चिंता होती है कि उसकी मम्मी उसकी फीस स्कूल में कैसे जमा करेंगी। छोटे भाई की पढ़ाई कैसे होगी। इतनी कम उम्र में ही कम्प्यूटर का यह लिटिल मास्टर हालात की भेंट न चढ़ जाए इसके लिए समाज को आगे आना होगा। ऐसी प्रतिभाओं को उभारने में आपको भी अपना योगदान देना होगा।

हमेशा फ‌र्स्ट आता है

कम्प्यूटर में हमेशा फ‌र्स्ट पोजिशन पर आता रहा है। अपने क्लास के दोस्तों को कम्प्यूटर साफ्टवेयर से लेकर नई तकनीकी, गजेट आदि के बारे में नई जानकारियां देता है। उसे इसके बारे में पढ़ना जानना अच्छा लगता है। इतनी छोटी उम्र में उसकी तकनीकी संबंधी जानकारी हैरान करने वाली है।

संस्थाएं मदद को आगे आएं

विशाल को अब मेंटर की जरुरत है। इसके अलावा उसे तकनीकी की फील्ड में बेहतर अवसर दिलाने वाले संस्थाओं की भी जरुरत है। विशाल की मां कहती हैं कि उसे पासवर्ड बताने और एक कम्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर की स्क्रीन जोड़ देने में महारत हासिल है। खेल-खेल में वह घर में ऐसा किया करता था, जिसके कारण उसके पापा से उसे कई बार डांट भी सुननी पड़ी। हांलाकि टीचर्स से तारीफ सुनने के बाद उसके पापा ने उसे डांटना छोड़ दिया।

हमें दें जानकारी

यदि आपके पास ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे हैं जो कोरोना के दौरान अनाथ हो गए हैं तो उनकी जानकारी हमें भी जरुर दें। साथ ही सामाजिक संगठनों को भी ऐसे अनाथ प्रतिभाशाली बच्चों की मदद करने और उनकी प्रतिभा को निखारने में मदद करनी होगी, उनके लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाना होगा ताकि वह समाज और देश के लिए बेहतर नागरिक बनकर अपना योगदान दे सकें।