लखनऊ (ब्यूरो)। इसके लिए आपको अपना बिजली बिल देखना होगा, जिसमें फिक्स्ड चार्ज पर नजर डालनी होगी। अगर आपका फिक्स्ड चार्ज पहले के मुकाबले बढ़ गया है तो साफ है कि आपका बिजली लोड बढ़ चुका है। ऐसे में तुरंत आप संबंधित सबस्टेशन में कंपलेन दर्ज करा सकते हैैं।

यह था मामला
उपभोक्ता परिषद की ओर से यह मामला उठाया गया था कि बिजली कंपनियों से यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं द्वारा लिए गए स्वीकृत भार से जब तीन महीने लगातार भार अधिक आता है तो बिना नोटिस दिए ही सॉफ्टवेयर से उनका भार बढ़ा दिया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। वहीं बिना जानकारी दिए भार बढ़ाने से उपभोक्ताओं का फिक्स्ड चार्ज बढ़ रहा है, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो रही है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि लगातार तीन महीन अधिक भार आने पर एक महीने का नोटिस दिए जाने का प्राविधान है।

एक हजार से अधिक मामले
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की माने तो राजधानी में लेसा क्षेत्र के अंतर्गत एक हजार से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैैं, जिसमें उपभोक्ताओं का भार बढ़ा दिया गया है। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि इन उपभोक्ताओं को पहले नोटिस दी जाए और इसके बाद ही भार बढ़ाया जाए। वैसे भी गर्मी के मौसम में उपभोक्ता का बिजली भार बढ़ जाता है, ऐसे में कम से कम तीन महीने का वेटिंग पीरियड दिया जाना चाहिए। अगर इसके बाद भी संबंधित उपभोक्ता का भार डाउन नहीं होता है तो उस कंडीशन में उपभोक्ता का बिजली भार बढ़ा देना चाहिए।

एक किलोवॉट का 110 रुपये
अगर आपका बिजली लोड एक किलोवॉट है तो उसका फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये होगा। ऐसे में आप अपना बिजली बिल देखें तो आपको पता चल जाएगा कि आपके बिजली बिल में एक किलोवॉट भार के अनुरूप 110 रुपये ही फिक्स्र्ड चार्ज जुड़ा होना चाहिए। अगर फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये से अधिक है तो साफ है कि आपका बिजली लोड बढ़ चुका है और आप पहले के मुकाबले अब अधिक रूप से फिक्स्ड चार्ज का भुगतान कर रहे हैैं। ऐसी कंडीशन में आप तुरंत संबंधित सबस्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं या 1912 पर कंपलेन करें।

परेशान होने की जरूरत नहीं
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि उपभोक्ता को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर बेवजह किसी उपभोक्ता का बिजली भार बढ़ाया गया है तो उसे तत्काल ठीक भी किया जाएगा। जिससे उपभोक्ता पर किसी भी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।

फिक्स्ड चार्ज के माध्यम से अपने बिजली लोड के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अगर पहले के मुकाबले फिक्स्ड चार्ज बढ़ा है तो साफ है कि उपभोक्ता का बिजली लोड बढ़ चुका है।
अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद