- ब्रिज को जोड़ने के लिए लगाए गार्टर के निकाले 100 से अधिक बोल्ट

- ट्रैक निरीक्षण के दौरान पकड़ में आई गड़बड़ी, डेढ़ घंटे बाधित रहा ट्रैक

Meerut। मेरठ-सहारनपुर रेल मार्ग स्थित जिटौली रेलवे ब्रिज गिराने की साजिश को रेलवे कर्मियों की सर्तकता से शुक्रवार को नाकाम हो गई। असामाजिक तत्वों ने रेलवे ब्रिज में को जोड़ने के लिए लगे बडे़ गार्टर के 100 से अधिक नट बोल्ट खोल दिए। गड़बड़ी शुक्रवार की शाम पकड़ में आई। जिसके बाद रेलवे अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बन गई। ट्रैक पर करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा। ट्रैक दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है।

चेकिंग के दौरान पकड़ में आया

शुक्रवार को मैनुअल ट्रॉली में रेलवे कांस्ट्रक्शन विभाग का स्टाफ ट्रैक चे¨कग के लिए निकला। शाम चार बजे ट्रॉली जब जिटौली रेलवे फाटक के पास पहुंची ट्रॉली सवार कर्मियों की नजर रेलवे ओवर ब्रिज 107 ए में लगे लोहे के गार्टर पर गई। मेरठ की ओर जाने वाले पुल के पहले गार्टर की जोड़ प्लेट के 26 बोल्ट गायब मिले। ब्रिज के बोल्ट गायब होने की सूचना पर रेलवे आसिस्टेंट डिवीजनल इंजीनियर राजेंद्र शर्मा, पावली स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक दर्शन लाल, आरपीएफ और पुलिस भी मौके पर पहुंची। साथ ही ट्रैक पर अप और डाउन में आ रही तमाम ट्रेनों को रास्ते में रोक दिया गया। टीम द्वारा ब्रिज की जांच की गई तो, अन्य गार्टर से 84 नट बोल्ट ओर गायब मिले। उधर, मौके पर पहुंची आरपीएफ, सिविल पुलिस, एलआईयू ने अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है।

रोकी गई शताब्दी, कालका

रेलवे ब्रिज से नट बोल्ट गायब होने के कारण ट्रैक पर आ रही जन शताब्दी एक्सप्रेस को सिटी स्टेशन पर, कालका ट्रेन को दौराला स्टेशन पर रोका गया। जबकि अन्य ट्रेनों को मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद के स्टेशनों पर भी रोका गया। बाद में सभी ट्रेनों को 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ब्रिज से पास कराया गया। उधर, रेलवे अधिकारियों ने ओवर ब्रिज पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने से संबंधित पत्र कंकरखेड़ा थाना प्रभारी को दिया।

ब्रिज को ध्वस्त करने की थी साजिश

जिटौली रेलवे क्रांसिग पर बना रेलवे ओवर ब्रिज 107 ए सिक्स लेन का है। रेलवे के इंजीनियरों के अनुसार ब्रिज में लगे गार्टर को बड़े टुकड़ों को जोड़कर वेल्डिंग किया जाता है। साथ में सपोर्ट प्लेट लगाकर दोनों गार्टर को नट बोल्ट से भी कसा जाता है। एक स्पोर्ट प्लेट में 84 बोल्ट होते हैं। गार्टर की ऊंचाई जमीन से लगभग चालीस मीटर होने के कारण रेलवे कर्मियों की नजर ब्रिज के गार्टर से गायब बोल्ट पर देरी से पड़ी। इंजीनियरों के अनुसार ब्रिज पर अधिक ट्रैफिक रहता है और बोल्ट गायब होने से ब्रिज कमजोर हो गया था। समय रहते मरंमत नहीं होती तो, बड़ा हादसा हो सकता था।

रेलवे ब्रिज से नट बोल्ट गायब होने की जांच की जा रही है। किसी शरारती तत्व का काम हो सकता है। ट्रैक की सर्तकता से निगरानी की जाएगी।

- बीएस रावत, आरपीएफ थाना प्रभारी