समस्या

आए दिन सड़क हादसों का कारण बन रहे ट्रक

- तीनों विभाग एक दूसरे पर झाड़ते हैं पल्ला

- बेकाबू ट्रकों पर कार्रवाई के लिए कोई आगे नहीं आता

<समस्या

आए दिन सड़क हादसों का कारण बन रहे ट्रक

- तीनों विभाग एक दूसरे पर झाड़ते हैं पल्ला

- बेकाबू ट्रकों पर कार्रवाई के लिए कोई आगे नहीं आता

Meerut: Meerut: सड़क पर सरपट दौड़ रहे ट्रक रूपी यमराज पर लगाम लगाने के लिए विभाग एक दूसरे पर जिम्मदारी थोपते हैं। यही वजह है कि सड़क के इस यमराज से शहर की सड़कें रक्तरंजित हो रही हैं। जब कार्रवाई की बात आती है तो हर विभाग अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेता है। सिविल, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग के बीच एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इसी हीलाहवाली का फायदा उठाते हुए इन ट्रक चालकों के हौसले बुलंद हैं और सड़क पर अनियंत्रित वाहन चलाने से भी नहीं कतराते।

बताने पर भी नहीं पकड़ा आरोपी

गत रविवार को मेवला फाटक पर बेकाबू ट्रक ने स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी थी। स्कूटी पर सवार महिला की ट्रक से कुचलने से मौत हो गई, जबकि स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल हो गया था। कुछ युवकों ने ट्रक चालक को दौड़ाया और वह तेजी से ट्रक लेकर ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ भागा। वहां पर ट्रैफिक विभाग की इंटरसेप्टर चेकिंग कर रही थी। आरोप था कि युवकों ने ट्रैफिक पुलिस को ट्रक चालक को पकड़ने की गुहार भी लगाई लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि यह क्राइम का मामला है और सिविल पुलिस इसमें कार्रवाई करेगी। उनका काम ट्रैफिक संभालना है।

जिम्मेदार बाद में पहुंचे

रविवार की यह घटना साक्षात उदाहरण है विभाग की लापरवाही का। यदि ट्रैफिक विभाग के कर्मी ट्रक को पकड़ने में तत्परता दिखाते तो ट्रक चालक को ट्रक समेत पकड़ लिया जाता। उनकी लापरवाही की वजह से ही ट्रक चालक फरार हो गया। तेजगढ़ी चौराहे पर हुए पिछले हफ्ते हुए दो घटनाओं में महिलाओं की मौत हो गई थी। उन घटनाओं में पब्लिक ने ट्रक चालकों को पकड़ा और धुनाई शुरू की तब कहीं जाकर थाना पुलिस ने उनको लोगों के चंगुल से छुड़ाया। इन मामलों में भी बाकी विभाग के कर्मियों ने ट्रक चालक को पकड़ने में कोई भी तत्परता नहीं दिखाई।

तीनों विभागों को है अधिकार

नियम तो यही है कि इन बेकाबू ट्रक को काबू करने का अधिकारी हर विभाग को प्राप्त है। चाहे वह सिविल पुलिस हो या फिर ट्रैफिक पुलिस या फिर आरटीओ। तीनों विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। यही नहीं कार्रवाई भी तीनों विभागों के लिए एक सामान है। ट्रकों का एक हजार रुपए का चालान काटा जाता है और यदि घटना करते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ट्रक जब्त कर लिया जाता है।

इन पर सिविल व ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ तीनों को अधिकार प्राप्त है कि वे ट्रक की चेकिंग कर उनपर कार्रवाई कर सकें। कई बार तीनों विभागों ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की है।

- किरन यादव, एसपी ट्रैफिक