- प्रमुख सचिव हेल्थ की ओर से जारी हुए सभी गवर्नमेंट हॉस्पिटल और डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश

- कोई बड़ी घटना होने पर तुरंत देनी होगी अधिकारियों को जानकारी

- सूचना न देने पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध की जाएगी कार्रवाई

- वॉट्सएप, एसएमएस, हाइक मेसेंजर के थ्रू सूचना भेजने के हुए आदेश

Meerut : अगर जिला अस्पताल में किसी घटना में मरीज की मौत के बाद हंगामा होने लगता है, मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत होने पर तीमारदार तोड़फोड़ करते हैं, या फिर कॉलेज के डॉक्टर या कर्मचारी किसी मुद्दे को लेकर हड़ताल पर चले जाते हैं, या फिर डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट की अनियमितता सामने आने पर बड़ा विरोध होना है तो अधिकारियों को इसकी तुरंत शासन स्तर के अधिकारियों को तुरंत सूचना देनी होगी। फिर चाहे माध्यम कोई भी हो। अगर ऐसा न किया तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जाएगी।

आखिर ऐसा क्यों?

प्रमुख सचिव हेल्थ की ओर से जारी हुए लेटर में ऐसा करने के कारणों के बारे में लिखा है कि कई बार प्रदेश के किसी भी डिस्ट्रिक्ट में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं, जो लोकल मीडिया में काफी प्रसारित हो जाती है। जब उक्त घटना के बारे में शासन लेवल पर जवाब मांगा जाता है तो उसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं होती है। प्रमुख सचिव ने बकायदा उदाहरण देते हुए लेटर में लिखा है कि हाल ही में किसी जनपद में रेल दुर्घटना के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे, लेकिन उसकी कोई सूचना सूचना के किसी भी माध्यम से शासन लेवल पर नहीं थी। मीडिया के थ्रू ही जानकारी मिल सकी थी। इसलिए ऐसा किया जा रहा है।

वॉट्सएप से देनी होगी सूचना

प्रमुख सचिव हेल्थ अरविंद कुमार ने साफ आदेश कर दिए गए हैं। अगर भविष्य में कोई बड़ी घटना होती है तो इसकी सूचना बिना टाइम वेस्ट किए उन्हें, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक, नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन निदेशक को देनी होगी। ये सूचना वॉट्सएप, एसएमएस, हाइक मेसेंजर के थ्रू भी दी जा सकती है। प्रमुख सचिव ने साफ कर दिया है आज के दौर में सभी वॉट्सएप, एसएमएस, हाइक मेसेंजर तमाम तरह के सूचना माध्यमों के साथ जुड़े हुए हैं। ऐसे में किसी भी घटना ही सूचना हम तक पहुचाना कोई बड़ी बात नहीं है।

वरना ये होंगे जिम्मेदार

अगर किसी भी सूचना देने में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही होने स्थानीय अधिकारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो चीफ मेडिकल ऑफिसर, चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट, एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ लेवल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव की ओर से इन निर्देशों को प्रमुखता से लेने को कहा है।