एक काम को कराने में लगते हैं छह माह से अधिक का समय

जनता को छोडि़ए, यहां पार्षदों की भी सुनवाई नहीं

-निगम में आम जनता ही नहीं पार्षदों की भी नहीं सुनी जाती

-अधिकारी करते है वार्डो में विकास कराने का दावा

Meerut । नगर निगम में आम जनता की समस्या का समाधान होने की बात छोडि़ए यहां तो पार्षदों की भी नहीं सुनी जाती है। एक पार्षद को काम कराने के लिए छह माह से अधिक का समय लग जाता है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी हैं कि वार्डो में विकास कराने की बात कहते हैं।

धरने पर बैठ चुका है पार्षद

दो माह पहले हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में एक पार्षद काम होने की बात कहकर धरने पर बैठ गया था। पार्षद ने बैठक हॉल में पर्चे लहरा दिए थे।

विकास न कराने पर होता है हंगामा

वार्डो में विकास कराने की मांग को लेकर नगर निगम की कोई ऐसी बोर्ड बैठक नहीं होती जिसमें हंगामा न होता है। बोर्ड बैठक में तो नगर आयुक्त और महापौर उस समय तो अधिकारियों को फटकार लगा देते हैं। लेकिन उसके बाद उस समस्या का कोई समाधान नहीं होता है।

नगर निगम में छह माह पहले वार्ड में सड़क निर्माण, इंटरलॉकिंग टॉइल्स, हैंडपंप लगवाने और भूमिया के पुल पर डस्टबिन रखवा नियमित सफाई कराने को लेकर पत्र दिया था। लेकिन अभी तक एक भी काम पूरा नहीं हुआ है।

सुनीलदत्त सैनी, पार्षद वार्ड 54

नगर निगम में काम कराना बहुत ही मुश्किल काम है। चार माह से अधिक समय हो गया है। चार हैंडपंप रिबोर करने व पुलिया निर्माण के लिए पत्र दिया था। महापौर को भी इससे अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

ज्योति वर्मा पार्षद वार्ड 52

नगर निगम में काम कराने के लिए बहुत ही पापड़ बेलने पड़ते हैं। एक काम को कराने के लिए कम से कम बीस चक्कर लगाने पड़ते हैं। बोर्ड बैठक में जो प्रस्ताव पास होते हैं। उसके लिए जब तक हंगामा न करो तो काम नहीं होता है।

हरीश कुमार, पार्षद वार्ड 22

नगर निगम में काम कराने के लिए लड़ना पड़ता है। कर्मचारियों ने जूझना पड़ता है। तब जाकर कहीं काम होता है। कई कई माह हो जाते हैं एक काम को कराने के लिए। हर बोर्ड बैठक में विकास के काम न होने का मुद्दा उठता है। पर नतीजा सिफर ही रहता है।

गौरव कुमार पार्षद वार्ड 64

काम को समय कराने की आदत अधिकारियों को डालनी शुरू की है। काम करने में कर्मचारी ढिलाई बरतते हैं। लेकिन अब समय से काम हो रहा है। हर काम की रिपोर्ट ली जा रही है। मैं खुद इस मामले को देख रहा है। यदि किसी का काम नहीं हुआ है तो बताए। तत्काल वह काम कराया जाएगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जा रही है।

डीकेएस कुशवाहा नगर आयुक्त