मेडिकल थानाक्षेत्र का मामला, अस्पताल में एडमिट व्यापारी और बेटे की हालत गंभीर

व्यापारी की पत्नी की हुई मौत, मंगलवार रात व्यापारी ने खाने में मिलाया था सल्फास

Meerut। आíथक तंगी से जूझ रहे व्यापारी ने आत्मघाती कदम उठाते हुए पूरे परिवार के साथ जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की। इस घटना में व्यापारी की पत्नी की मौत हो गई है जबकि व्यापारी और उसके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के अनुसार पिछले कुछ सालों से व्यापार में नुकसान के कारण व्यापारी मानसिक रुप से परेशान चल रहा था। हालांकि पुलिस व्यापारी द्वारा परिवार के साथ उठाए गए आत्महत्या के कदम के अन्य पहलूओं की जांच में जुट गई है।

खाने में जहरीला पदार्थ

पुलिस के अनुसार मेडिकल थाना क्षेत्र की अंसल कालोनी में रहने वाले संदीप आनंद ने अपनी पत्नी रश्मि और बेटे ऋषभ आनंद के साथ मिलकर मंगलवार देर रात जहर खा लिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यापारी ने रात के खाने में पत्‍‌नी और बेटे को बताए बिना सल्फास मिला दिया था। सल्फास खाने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ने पर बेटे ऋषभ ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर आसपास के पडोसी मौके पर आ गए और आनन-फानन में तीनों को गढ़ रोड स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। मगर व्यापारी की पत्‍‌नी रश्मि की मौत हो गई। वहीं खबर लिखे जाने तक व्यापारी और उनके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई थी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

इस मामले की छानबीन में पुलिस भी आत्महत्या के एंगल पर जांच में जुटी है। मगर पुलिस व्यापारी की पत्नी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार भी कर रही है।

कर्ज देने वाले लगातार संदीप आनंद पर रुपये वापस लौटाने का दबाव बना रहे थे। जिसके चलते वे मानसिक तनाव में आ गए थे। व्यापारी की पत्नी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर जांच-पड़ताल कर रही है।

देवेश सिंह, सीओ

आग से झुलसे सपने, लॉकडाउन में राख

कोरोनाकाल ने कईयों का जीवन लीला तो कई परिवारों को अनंतकाल तक का असहनीय दर्द भी दिया। वहीं कई व्यापारियों के धंधे पर कोरोना के चलते लॉकडाउन ने ताला लगवा दिया। हालांकि कुछ व्यापारी मंदी और तंगी का झटका खाकर संभल गए। मगर संदीप ऐसे टूटे कि संभल नहीं पाए। पुलिस की मानें तो 2018 में टैंट की दुकान में लगी आग के बाद संदीप आनंद का परिवार आíथक तंगी से जूझ रहा था, मगर लॉकडाउन ने संदीप को बर्बाद करके रख दिया।

दुकान में लगी आग

दरअसल, संदीप आनंद की कुटी चौराहे के पास आनंद के नाम से टैंट की दुकान थी। साल 2018 में टेंट हाउस में आग अचानक लग गई थी। इस आग में व्यापारी की दुकान में रखा लाखों का टैंट का सामान जल राख हो गया था। लाखों के नुकसान से संदीप बुरी तरह टूट गए थे।

जीवनभर की कमाई

आग की घटना से पहले संदीप ने गुजरात में बेटी की शादी भी तय कर दी थी। लाखों रुपये के नुकसान के बाद कर्जदार हो चुके संदीप ने जीवनभर की कमाई बेटी की शादी में लगा दी। व्यापार चलाने और दो रोटी का जुगाड़ बिठाने के लिए संदीप ने लोगों से कर्ज लेकर दोबारा अपना टैंट का कारोबार शुरू किया। संदीप अभी संभले ही थे कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 में लॉकडाउन लग गया। इससे न केवल शादी-समारोह पर बैन लगा बल्कि टैंट का धंधा भी बंद हो गया। एक तो कर्ज ऊपर आमदनी का जरिया खत्म हुआ तो संदीप समेत पूरे परिवार को अवसाद ने घेर लिया।

बैंक का भी कर्ज

जानकारी के मुताबिक आíथक तंगी से जूझ रहे संदीप आनंद ने लोगों के अलावा बैंक से भी कर्ज ले रखा था। कर्ज उतर भी जाता लेकिन पिछले साल कोरोना वायरस के चलते टेंट का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया। इसी बीच बैंक और साहूकारों ने लगातार ब्याज बढ़ाते हुए रुपये वापस करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसको लेकर परिवार में भी विवाद भी शुरू हो गया था।

जगी थी उम्मीद

साल 2021 में हालात कुछ सुधरे तो संदीप को व्यापार चलने की उम्मीद जगी थी। मगर मार्च में फिर से कोविड के बढ़ते मामलों ने उनको परेशान करना शुरू कर दिया था। कुछ समय से वह रिश्तेदारों से व्यापार में परेशानी की बातें कर रहे थे, लेकिन किसी को नहीं पता था कि वह ऐसा कदम उठा लेंगे।

धेवते को दी थी बधाई

रिश्तेदारों ने बताया कि मंगलवार को उनका धेवता छह माह का हुआ था। व्हाट्सएप पर उसका स्टेट्स लगाकर बधाई भी दी थी। ऐसा नहीं लग रहा था कि कुछ बुरा होने वाला है। दिन में पड़ोसियों से भी मुलाकात की थी। कुछ रिश्तेदारों के फोन भी आए थे। उनके साथ भी अच्छे से बात की थी। सबका मानना है कि रात में कुछ ऐसा हुआ, जिसने उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

स्टेट्स में बयां किया दर्द

सबका कहना था कि रश्मि आनंद काफी ¨जदादिल इंसान थीं। वह हमेशा हंसती और हंसाती रहती थीं। मंगलवार को उन्होंने स्टेट्स पर बेहद भावुक करने वाली पोस्ट लगा रखी थी। उनकी भाभी का कहना था कि वह कभी ऐसी पोस्ट नहीं लगाती थी। पढ़कर ऐसा लग रहा था कि वह बेहद दुखी हैं। उन्होंने ¨जदगी में पैसों की अहमियत का जिक्र कर रखा था।