- फेल पास को लेकर बिगड़ा एमबीबीएस के छात्रों का मिजाज

- डिपार्टमेंट में तोड़फोड़ और एचओडी से मारपीट की रिपोर्ट

- आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, थाने में शिकायत

- थ्योरी में पास और प्रैक्टिकल में फेल को लेकर बिगड़ी बात

- वीसी ने बैठाई विशेष जांच, प्रिंसीपल खुद करेंगे पड़ताल

Meerut: लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र डॉक्टर बनकर निकलते हैं। समाज में इनकी छवि भगवान की होती है। मगर यहां तो इनका राग ही कुछ और है। इस कॉलेज में जूनियर डॉक्टर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। कभी मरीजों के साथ मारपीट, कभी तीमारदारों के साथ मारपीट तो कभी सीनियर डॉक्टर के साथ मारपीट करते नजर आते हैं। सोमवार को एक बार फिर एमबीबीएस के छात्रों ने एग्जाम में सप्लीमेंटरी आने पर जमकर हंगामा काटा। जिन्होंने ईएनटी डिपार्टमेंट हैड के ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की और साथ ही एचओडी से अभद्रता की। एचओडी की ओर से छह नामजद छात्रों सहित सौ से अधिक अज्ञात छात्रों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

यह था मामला

एलएलआरएम कॉलेज में एमबीबीएस थर्ड ईयर कर रहे बैच के करीब 9ख् छात्रों में से भ्फ् छात्रों की सप्लीमेंट आ गई। जिसमें कोई एक नंबर से फेल हो गया तो कोई दो नंबर से। छात्रों के अनुसार इनमें सबसे अधिक फेल छात्र ईएनटी डिपार्टमेंट के हैं। इसको लेकर करीब दस बजे सौ से अधिक छात्र अपने जूनियर डॉक्टर की यूनियन के नेताओं के साथ प्रिंसीपल डॉ। प्रदीप भारती के ऑफिस पहुंचे। जहां प्रिंसीपल के सामने अपनी समस्या रखी। समस्या सुनकर प्रिंसीपल ने इन्हें ईएनटी के एचओडी डॉ। कपिल कुमार के पास भेज दिया।

बिगड़ गई बात

जब छात्र एचओडी के ऑफिस में पहुंचे तो वहां हंगामा शुरू हो गया। डॉ। कपिल इस दौरान ओपीडी चला रहे थे। आरोप है कि जब इन छात्रों को एचओडी ने मना किया तो उन्होंने हंगामा करते हुए उनको बंधक बना लिया और मरीजों को वहां से भगा दिया। इसके साथ ही इन छात्रों ने डिपार्टमेंट का शटर गिरा दिया और डॉक्टर कपिल के साथ मारपीट शुरू कर दी। उनके कपड़े तक फाड़ दिए। उनके ऑफिस में रखा सभी सामान तोड़ डाला। खिड़की और दरवाजे भी तोड़ दिए। करीब दो घंटे तक आरोपी छात्रों ने जमकर उपद्रव किया और डॉ। कपिल को बंधक बनाकर रखा।

डिपार्टमेंट में भगदड़

एचओडी के साथ अभद्रता होती देख जो कर्मचारी उन्हें बचाने आया उसके साथ भी मारपीट की। सूचना पर पुलिस, प्रिंसीपल डॉ। प्रदीप भारती, सीएमएस डॉ। सुभाष सिंह और अन्य डिपार्टमेंट के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। जबतक ये लोग मौके पर पहुंचते छात्र तोड़फोड़ करके जा चुके थे। इस मामले में डॉक्टर कपिल कुमार की ओर से छह छात्रों को नामजद करते हुए करीब डेढ़ सौ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम कराया गया है।

बैठाई गई इंक्वायरी

मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शाम को यूनिवर्सिटी में मीटिंग के दौरान वीसी के सामने प्रिंसीपल ने यह मामला रखा। जिसमें वीसी ने इस मामले में डॉ। प्रदीप भारती के अंडर इंक्वायरी बैठा दी। साथ ही मामले में खुद प्रिंसीपल को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उधर रात तक पूरे कॉलेज कैंपस में छात्रों ने कोई काम नहीं किया। उन्होंने इस मामले में डॉक्टर कपिल के खिलाफ ही मोर्चा खोलने की ठान ली। उनका कहना है कि उन्हें गलत फेल किया गया। जबकि प्रैक्टिकल में फेल और पास करना टीचर के हाथ में होता है।

इस मामले में वीसी ने इंक्वायरी बैठाई है। मैं खुद अपने स्तर पर इंक्वायरी कर रहा हूं। सभी आरोपी थर्ड ईयर के छात्र हैं। देखा जाए तो एग्जाम में बार कोडिंग होती है। कॉपी किसकी है यह किसी को नहीं पता होता। एग्जाम यूनिवर्सिटी कराती है। इसमें एचओडी की कोई गलती नहीं थी। जो इन छात्रों ने किया वह गलत था। अगर कोई बात होती है तो उसकी शिकायत की जानी चाहिए। कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। जबकि एक डॉक्टर समाज में पढ़ा लिखा और प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है। - डॉ। प्रदीप भारती, प्रिंसीपल एलएलआरएम कॉलेज

इनका कहना है

हमारे 9ख् छात्रों के बैच में से भ्फ् की सप्लीमेंट आई है। सभी छात्र थ्योरी एग्जाम में पास हैं, केवल प्रैक्टिल में रोका गया है। जबकि प्रैक्टिल में पास करना एचओडी के हाथ में होता है। हम लोग पहले प्रिंसीपल सर के पास गए थे। वहां से उन्होंने ईएनटी एचओडी के पास भेज दिया। जहां एचओडी के पास गए तो उन्होंने बदतमीजी की। एचओडी ने यह तक कह दिया यह प्रोफेशन हमारे लिए नहीं है, इसे छोड़कर कुछ और कर लें। इस बात को लेकर काफी देर तक बहस हुई और वहां से लौटकर हॉस्टल चले गए। इधर पीछे से एचओडी ने उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया। इसको लेकर हम लोग भी आंदोलन करने जा रहे हैं।

- जूनियर डॉक्टर्स