Case - 1

बेगमबाग निवासी दिनेश को भूख नहीं लगती थी और कुछ खाते ही वॉमेटिंग हो जाती थी। लगातार ऐसी हालत की वजह से वो कुछ नहीं खा पाते थे। इसी हालत में वो बहुत कमजोर हो गए थे। अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट के बाद लीवर इंफेक्शन सामने आया। दिनेश को फैटी लीवर की प्रॉब्लम थी। जिसका वो अब इलाज करा रहे हैं।

Case - 2

विभोर को कुछ दिनों से पेट में दर्द की प्रॉब्लम थी। उन्होंने एक डॉक्टर को दिखाया। पांच दिन दवाएं भी खाईं मगर कोई फायदा नहीं हुआ। बल्कि इसके बाद विभोर की हालत और बिगड़ गई, एक तो वो वैसे ही कुछ नहीं खा पाते थे और अगर वो कुछ खाते तो उन्हें उल्टी हो जाती थी और हर समय एसेडिटी रहने लगी। सिर में दर्द, चक्कर आना और कमजोरी भी आने लगी। विभोर ने गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट को दिखाया। टेस्ट के बाद विभोर की आंतों में इंफेक्शन आया और आंतों पर काले निशान भी मिले। फिलहाल विभोर ट्रीटमेंट ले रहे हैं। इंफेक्शन कंट्रोल होने के बाद विभोर की आंतों का ऑपरेशन होगा।

गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल रहा

हमारा खानपान और लाइफ स्टाइल हमें गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल रहा है। इसके साथ कीटनाशक दवाओं से लिपटे फल-सब्जी, मिलावटी खाद्य सामग्री लीवर को नुकसान पहुंचा रही है। ये नुकसान इतना घातक साबित हो रहा है कि लोगों को लीवर कैंसर और लीवर सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारियां हो रही हैं। इसका इलाज न तो आसान है और न सस्ता।

क्या है लीवर डिजीज

लीवर के फंक्शन में किसी भी तरह का डिस्टर्बेंस बीमारी का कारण होता है। लीवर शरीर में होने वाली हर अच्छी-बुरी फंक्शनिंग के लिए जिम्मेदार होता है। हमारा खानपान, सही दिनचर्या, सही खाद्य सामग्री हमें काफी हद तक लीवर से जुड़ी समस्याओं से बचा सकती है। मगर चिंता की बात तो ये है कि न तो हम सही दिनचर्या को फॉलो कर रहे हैं और न ही सही खानपान। मिलावटी खाना भी लीवर को डैमेज करने में पूरा योगदान दे रहा है।

हो जाता है लीवर डैमेज

लीवर की बीमारियों को अनदेखा करना बहुत घातक साबित हो सकता है। लीवर की मामूली दिक्कत भी लापरवाही के बाद बड़ी समस्या का रूप ले सकती है। बहुत कॉमन हो चुका ज्वाइंडिस भी अगर बिगड़ जाए तो लीवर को डैमेज कर देता है। इसके अलावा लीवर कैंसर, सिरोसिस, एल्कोहलिक प्रॉब्लम्स लीवर को डैमेज कर देती हैं और लीवर के डैमेज होने के साथ ही पूरी बॉडी का बैलेंस बिगड़ जाता है। शरीर में कई तरह के टॉक्सिंस बहुत तेजी से बढ़ जाते हैं जिसकी वजह से हार्ट अटैक जैसी स्थिति भी पैदा हो जाती है।

आसान नहीं है ट्रांसप्लांट

लीवर डैमेज होने के बाद एक रास्ता सुझाया जाता है लीवर ट्रांसप्लांट करना। हालांकि लीवर ट्रांसप्लांट सुनने में जितना आसान है करने में उतना ही मुश्किल। इस ट्रांसप्लांट में लीवर का एक स्पेसफिक पार्ट का छोटा सा हिस्सा काटकर जरूरतमंद व्यक्ति के लीवर में लगा दिया जाता है। लीवर बॉडी का एक अकेला ऑर्गन है जो ग्रोथ कर जाता है। मगर लीवर ट्रांसप्लांट करते समय डोनर और जरूरतमंद एक ही साथ ऑपरेट किए जाते हैं। लीवर सिर्फ परिवार का व्यक्ति ही दे सकता है। इसके बाद लीवर लेने वाले को नॉरमल होने में जितना समय लगता है उतना ही समय लीवर डोनर को भी लगता है। डॉक्टर्स उसे दवाओं के साथ परहेज भी बताते हैं। लीवर ट्रांसप्लांट कोई बहुत सस्ता ट्रीटमेंट नहीं है। दिल्ली के कुछ हॉस्पिटल्स में लीवर ट्रांसप्लांट किया जाता है। शुरुआती स्टेज में इसका खर्च बीस लाख रुपये बताया जाता है। हॉस्पिटल में रहने का खर्च, दवाएं, डॉक्टर्स की फीस जैसी कई और मिसलेनियस चीजों को मिलाकर ये ट्रांसप्लांट चालीस लाख रुपये तक पहुंच जाता है।

क्यों होती है लीवर प्रॉब्लम

-कैंसर

-सिरोसिस

-सिस्ट

-फैटी लीवर डिजीज

-हेपेटाइटिस

-ज्वाइंडिस

-फाइब्रोसिस

-एल्कोहलिक लीवर डिजीज

-एक्टामिनोफिन टॉक्सिसिटी

-प्राइमरी सेलेरोसिंग कोलांगटिस

कॉमन सिम्टम्स ऑफ लीवर डिजीज

-सिर दर्द

-ज्वाइंडिस

-डाइजेशन प्रॉब्लम

-स्किन प्रॉब्लम

-एलर्जी

-डिजीनेस

-स्ट्रोक

-मूड स्विंग्स

-पेट में दर्द

-मोशन का बिगड़ जाना

-आंखें लाल होना और उनमें खुजली होना

'इस समय लोगों में लीवर की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा देखने को मिल रही हैं। इसकी कई वजह हैं। एक तो हमारा बिगड़ा हुआ खानपान और मिलावटी चीजों का हमारे शरीर में जाना लीवर की प्रॉब्लम्स को बढ़ावा दे रहा है। ओवर एल्कोहलिक लोगों में लीवर की सीवियर प्रॉब्लम्स सामने आती हैं.'

-डॉ। प्रशांत सोलंकी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट

लीवर के पांच दुश्मन

1. फास्ट फूड - बहुत ज्यादा फास्ट फूड लीवर के लिए खतरनाक होता है। फास्ट फूड में एक्सेस फैट, कार्बोहाइड्रेट और एसिड होता है जो लीवर के दुश्मन साबित होते हैं।

2. एल्कोहल - ओवर ड्रिंकिंग लीवर को कई तरह की बीमारियां देती है। एक्सेस क्वांटिटी में एल्कोहल पीने पर लीवर में कंसंम्शन होता है। जिससे लीवर फेल्योर तक हो जाता है।

3. सॉल्ट - बहुत ज्यादा नमक खाना भी लीवर के लिए प्रॉब्लम साबित होता है। बॉडी में ज्यादा सॉल्ट की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और फैटी लीवर की प्रॉब्लम भी पेश आ जाती है।

4. चिकनाई - बहुत ज्यादा ऑयली फूड लीवर का दुश्मन होता है। इसे डाइजेस्ट करने में लीवर को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

5. चाय - चाय हमारी रोजमर्रा की जिंदगी और मेहमाननवाजी की पहली जरूरत बन गई है। जबकि चाय लीवर को नुकसान पहुंचाती है। इसमें मौजूद निकोटिव प्रॉब्लम क्रिएट करता है। ज्यादा चाय से बॉडी में एसिड बनने लगता है भूख खत्म हो जाती है और जलन होने लगती है।

लीवर के पांच दोस्त

1. ग्रीन वेजीटेबल्स - हरी सब्जियां फाइबर युक्त होती हैं। ये काफी डाइजेस्टिव होती हैं और इन्हीं की बदौलत लीवर सही तरह से फंक्शन करता है। सब्जियां लीवर की अच्छी दोस्त होती हैं।

2. मट्ठा - मट्ठा, छाछ अगर पतला करके नमक डालकर रोज पिया जाए तो लीवर हमेशा हेल्दी रहेगा। मट्ठा लीवर फंक्शन को सपोर्ट करता है।

3. फ्रूट्स - सीजनल फ्रूट्स लीवर के लिए बहुत अच्छे होते हैं। वैसे तो सारे फ्रूट्स लीवर के दोस्त होते हैं मगर पपीता, केला, अमरूद, नारियल, अंगूर, तरबूज, खरबूज ऐसे फल हैं जो लीवर को बहुत फायदा पहुंचाते हैं।

4. दालें - प्रोटीन रिच दालें लीवर फ्रेंडली होती हैं। ये फाइबर युक्त और ईजी डाइजेस्टिव होती हैं। साथ ही इन्हें खाने से प्रॉपर एनर्जी मिलती है।

5. पानी - पानी लीवर के फंक्शन में अहम रोल निभाता है। और सिर्फ लीवर ही क्यों बॉडी को डिटॉक्साइड करने के लिए पानी से बेहतर कुछ भी नहीं है।