38 साल के रिकार्ड तापमान को बुधवार को भीषण गर्मी ने तोड़ा
40 डिग्री सेल्सियस के पार तापमान के जताए जा रहे आसार
5 वर्षो में ही करीब आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में हुई वृद्धि
Meerut। दिनोंदिन बढ़ती सूरज की तपिश ने मुश्किलें पैदा करनी शुरू कर दी हैं। वहीं, बुधवार को भीषण गर्मी ने बीते 38 सालों के रिकार्ड तापमान को छुआ है। सीसीएसयू के मौसम वैज्ञानिक रवि कुमार ने बताया कि 28 मार्च 1980 में अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके बाद यानि 38 साल बाद 28 मार्च 2018 को अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री व न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
नौ डिग्री बढ़ा पारा
बीते पांच वर्षो में ही तकरीबन नौ डिग्री सेल्सियस तापमान में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2013 में 28 मार्च का तापमान तकरीबन 28.3 डिग्री सेल्सियस था। तो वहीं साल 2017 आते-आते यह तापमान 35.7 डिग्री पहुंचा और 28 मार्च 2018 में यह तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
40 के पार जाएगा पारा
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगले घंटे में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार जाने के आसार है। वहीं, बीते चार दिनों से तापमान 33 डिग्री के आस पास रहा है। लेकिन, बुधवार को पश्चिमी हवाओं की गति धीमी होने से तापमान बढ़ गया।
28 मार्च के आंकड़े
साल - तापमान (डिग्री सेल्सियस)
2013 28.3
2014 28.5
2015 33.5
2016 30.5
2017 35.7
अगले 48 घंटो में तापमान में वृद्धि होगी। साथ ही सूरज की तेज किरणों से अधिक गर्मी रहेगी, लेकिन रात में हल्की सी ठंडक रहेगी।
रवि कुमार, मौसम वैज्ञानिक
जरूरी हो तभी घर से निकलें
मार्च में ही स्वास्थ्य विभाग ने जारी की लू से बचाव की एडवाइजरी
टोल फ्री नंबर 18001805145 पर कर सकते हैं संपर्क
मार्च में ही गर्मी के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। जिससे हर रोज अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी गर्मी के मिजाज को भांपते हुए पहले ही लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी कर दी हैं।
बढ़ रहे मरीज
जिला अस्पताल में इन दिनों ओपीडी जहां 1200 से 1500 के बीच चल रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज में भी हर दिन करीब 3 हजार मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकतर मरीजों को एलर्जी, डायरिया की शिकायत है। मरीजों में अचानक से गला सूखने, उल्टी-दस्त के साथ ही पानी की कमी होने की समस्या हो चली है।
जारी की एडवाइजरी
गर्मी के तीखे तेवर के चलते स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को हीट वेब से बचने की अपील की है। विभाग ने इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है।
इन बातों का रखें ध्यान
पानी अधिक पीएं
पसीना सोखने वाले कपड़े पहने
धूप में जाने से पहले छाता, टोपी, चप्पल, चश्मा लेकर चले।
गीले कपड़ों का प्रयोग करें।
प्रेग्नेंट महिला व छोटे बच्चे विशेष सावधानी बरते।
ओआरएस या नींबू के पानी के सेवन करें।
लस्सी, चावल का पानी व छाछ का प्रयोग करें।
जानवरों को भी भरपूर पानी पीने के लिए दें।
क्या न करें
जब तक जरूरी न हो धूप में न जाएं
गर्म, तैलीय व अधिक मिर्च-मसाले युक्त खाने का प्रयोग न करें।
बाहर की चीजें खाने से बचे।
सूरज की सीधी रोशनी से बचाव करें।
11 बजे से शाम 4 बजे के बीच न निकलें
बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रमसाध्य काम न करें।
गहरे रंग व तंग कपड़े न पहनें।
मौसम में बदलाव हुआ है। अचानक से पानी की कमी और उल्टी की शिकायत हो गई है। बुखार भी नहीं टूट रहा है।
महरूनिशां, मरीज
बुखार, उल्टी की समस्या बनी हुई हैं। चार दिन से यही स्थिति हैं। गर्मी तेज हो गई हैं। ग्लूकोज भी चढ़ रहा हैं।
शबाना, मरीज
इस बार गर्मी ने पहले ही दस्तक दे दी है। अगर मरीज को गर्मी के चलते किसी भी प्रकार की समस्या है तो वह अपने नजदीकी अस्पताल में दिखा सकता है।
डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ
अस्पताल में एलर्जी के मरीज अधिक हैं। महिलाओं और बच्चों में गर्मी के लक्षण अभी से ही दिखने लगे हैं। इस मौसम में लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। कोशिश करें की बाहर का कुछ न खाएं-पीएं। खाली पेट न रहें
डॉॅ। अजीत चौधरी, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज
मौसम में बदलाव हुआ है। बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। तेज धूप में बच्चों को बाहर निकलने दें। पानी की बोतल साथ में रखें। नींबू पानी का सेवन करें।
डॉ। उमंग अरोड़ा, बाल रोग विशेषज्ञ