आई फॉलोअप

-समाज कल्याण विभाग में हुए भ्रष्टाचार पर डीएम सख्त

Meerut: अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रों छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के हाथ झुलस रहे हैं। पूर्व समाज कल्याण अधिकारी मो। मुश्ताक की भूमिका प्रकाश में आने के बाद डीएम बी। चंद्रकला ने शासन को यथास्थिति की जानकारी देते हुए कार्रवाई के लिए संस्तुति की है तो वहीं नोटिस जारी कर पूर्व अधिकारी से जबाव तलब किया है।

जबाव-तलब

गौरतलब है कि मेरठ में अनुसूचित जाति-जनजाति के पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में बड़े पैमाने पर घोटाला प्रकाश में आया है। खुलासे के बाद डीएम बी। चंद्रकला ने कॉलेजों का भौतिक परीक्षण कराया तो 15 दागी कॉलेजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और ब्लैक लिस्टेड घोषित करने की कार्रवाई की गई है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर ने विभागीय भूमिका से परदा उठाया तो पूर्व समाज कल्याण अधिकारी मो। मुश्ताक की भूमिका सामने आ गई। डीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पूर्व अधिकारी की भूमिका को स्पष्ट करते हुए समाज कल्याण निदेशालय से कार्रवाई के लिए सिफारिश की तो वहीं पूर्व अधिकारी नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण तलब किया है।

समिति सवालों के घेरे में

डीएम ने मो। मुश्ताक को भेजे नोटिस पर सवाल किया है कि आखिर छात्रवृत्ति सत्यापन समिति की अनुमति के बिना डाटा निदेशालय में किसके आदेश पर ट्रांसफर किया गया? बता दें कि 7 सदस्यीय इस समिति में डीएम-सीडीओ के अलावा स्वयं समाज कल्याण अधिकारी, सीटीओ, डीओ एनआईसी, डीआईओएस, विकलांग कल्याण अधिकारी शामिल हैं। 14 फरवरी को हुई समिति की बैठक में 12804 छात्रों को पात्रता को ओके रिपार्ट देते हुए पूर्व अधिकारी ने डाटा समाज कल्याण निदेशालय भेज दिया जबकि समिति अध्यक्ष डीएम और सीडीओ को न ही जानकारी दी गई और न ही उनके साइन कराए गए।

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पूर्व समाज कल्याण अधिकारी को नोटिस भेजा गया है। समिति की अनुमति बिना अवैध डाटा को निदेशालय भेजने में उनकी भूमिका सामने आई है।

-बी। चंद्रकला, डीएम, मेरठ