बैंक अफसरों को घर बुलाकर जबरन लोन कराने का बना रहा था दबाव

लोन नहीं देने पर बैंक कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी दी गई

Meerut। दो सप्ताह पहले बाराबंकी जेल से रिहा हुए कुख्यात उधम सिंह ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। बैंक स्टाफ को घर बुलाकर जबरन लोन देने का दबाव बनाया था। लोन देने से इनकार किया तो पूरे स्टाफ को जान से मारने की धमकी दी गई। उधम सिंह के खौफ से स्टाफ ने बैंक में आने से इनकार कर दिया। उसके बाद सीओ के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उधम सिंह को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। बैंक प्रबंधक की तरफ से मुकदमा दर्ज कर उधम सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जेल से उधम सिंह को भेजा गया।

हर मूवमेंट पर नजर

सरूरपुर थाने के करनावल गांव निवासी उधम सिंह डी-50 गैंग का सरगना है। उधम सिंह की रिहाई से पहले उसके गैंग के वीरपाल पुत्र श्रीनिवास, दिनेश उर्फ जग्गा, वीरपाल पुत्र चंदन, दीपक, निवासी करनावल, भूपेंद्र और रिंकू निवासी कलीना भी जमानत पर जेल से छूट कर बाहर आ गए थे। दो सप्ताह पहले उधम सिंह की रिहाई हुई। उसके बाद उधम सिंह ने गांव में आकर शूटरों से मिलना भी शुरू कर दिया। उधम सिंह के हरेक मूवमेंट पर पुलिस की नजर थी।

अफसरों पर दबाव

उधम सिंह ने 19 जुलाई को इंडियन बैंक करनावल की शाखा के स्टाफ को अपने शूटर भेजकर जबरन घर बुलाया। जो बातचीत कर वापस लौट गए। दोबारा से फिर बैंक के अधिकारी सतीश कुमार और उमंग गुप्ता को घर बुलाया। वहीं पर पंचायत के करीब 30 संविदाकर्मी मौजूद थे। उधम सिंह ने दोनों अफसरों पर दबाव बनाया कि संविदा कíमयों को दो से तीन लाख का लोन मुहैया कराएं। बैंक अफसरों ने बताया कि संविदाकíमयों को लोन देने के लिए कोई नियमावली नहीं है। उसके बाद उधम सिंह ने बैंक अफसरों पर दबाव बनाया, जिससे दोनों ही अफसर दशहत में आ गए। उधम सिंह ने चेताया कि आप लोगों का बैंक में आना-जाना यही से होता है। देखते है लोन कैसे नहीं देते।

जान से मारने की धमकी

उसके बाद 20 जुलाई को उधम सिंह अपने साथ 25 लोगों को लेकर बैंक के बाहर पहुंच गया। उसके बाद अपने शूटर को बैंक में भेजकर मैनेजर गौरव राजपूत को बैंक से बाहर आने के लिए कहा। मैनेजर ने उधम सिंह को बैंक के अंदर बुलाया, जिस पर उधम सिंह ने अंदर जाने से इनकार कर दिया। साथ ही धमकी दी कि बैंक में अंदर आ गया तो तुमको बाहर जाना पड़ेगा उसके बाद उधम सिंह बैंक स्टाफ को जान से मारने की धमकी देकर वहां से चला गया। उधम सिंह की इस धमकी से पूरा स्टाफ डर गया। उन्होंने बैंक का काम बंद कर दिया। उसके बाद बैंक प्रबंधक गौरव राजपूत ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने एसपी देहात केशव कुमार को पूरा मामला देखने के आदेश दिए। सीओ सरधना के नेतृत्व में पुलिस की टीम करनावल गांव पहुंची। उधम सिंह को थाने लाकर बैंक प्रबंधक के सामने पूछताछ की गई। पूछताछ में घटना की पुष्टि होने के बाद उधम सिंह के खिलाफ रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

फोर्स के साथ मारा छापा

सीओ ने फोर्स के साथ उधम सिंह के घर पर दबिश दी। उधम सिंह के साथ थाने में उसकी मां और पत्नी भी पहुंच गई थी। उधम सिंह से करीब तीन-चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर किया, जहां से कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया।

उधम सिंह की रिहाई के बाद ही उसके हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर बनी हुई थी। जेल से आते ही उधम सिंह ने लोगों को धमकी देनी शुरू कर दी थी। बैंक कर्मचारियों को अपने घर पर बुलाकर जबरन लोन करा रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ रंगदारी और जान से मारने की धमकी देकर मुकदमा करा जेल भेज दिया। साथ ही स्पष्ट कर दिया कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी

मां कह रही समाज सेवा करेगा उधम सिंह

उधम सिंह की मां अपराधी बेटे को बचाने की कवायद में जुटी हुई थी। एडीजी से लेकर तमाम अफसरों को प्रार्थना पत्र दे चुकी है कि उधम सिंह समाज सेवा करना चाहता है। उधम सिंह ने भी फर्जी तरीके से अफवाह फैला दी कि भाजपा में शामिल होने जा रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने की अफवाह उड़ाकर उधम सिंह कानून से बचाने की कवायद में जुटा था। जिस विधायक पर उधम सिंह को पार्टी की सदस्या दिलाने का आरोप लगाया गया था, उन्होंने अपने बयान में कहा कि पार्टी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।