सात महीने बाद सोमवार को खुले स्कूलों में कोरोना को लेकर बरती गई एहतियात

थर्मल स्कैनिंग, सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चली पढ़ाई, ऑफलाइन मोड में बच्चों ने सिलेबस को लेकर की क्वेरीज

Meerut। कहीं बैंड बाजा बजा, तो कहीं दोस्तों से मिल स्कूल आने की खुशी थी। कहीं कोरोना का डर था तो कहीं महीनों बाद स्कूल को फिर से देखने की ललक भी थी। हंसी खुशी और थोड़े डर के बीच ये नजारा सोमवार को सीबीएसई और यूपी बोर्ड के स्कूलों में दिखाई दिया। कोरोना काल में अनलॉक-5 के तहत करीब 7 महीने बाद स्कूलों में पहली बार 10वीं और 12वीं की पढ़ाई हुई। इस दौरान जहां स्कूलों में अटेंडेंस पांच से 10 प्रतिशत रही, वहीं कंसेंट देने के बाद भी काफी बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे। कोविड-19 की गाइडलाइन के फॉलो करवाने को लेकर अपर शिक्षा निदेशक ने मेरठ पहुंचकर स्कूलों का इंस्पेक्शन किया। वहीं एक्टिंग डीआईओएस और जिला प्रशासन की टीमों ने भी स्कूलों का इंस्पेक्शन किया। हालांकि इस दौरान स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी इंतजाम किए गए थे।

सेफ्टी से खुले सभी स्कूल

कोरोना काल में बच्चों की सेफ्टी को देखते हुए सभी इंतजाम किए हुए थे। दीवान पब्लिक स्कूल में गेट पर ही बच्चों की थर्मल स्कैनिंग की गई। शांति निकेतन में बच्चों को पीपीई किट्स दी गई। शू-कवर के साथ बच्चों को क्लास में भेजा गया। मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल में बच्चों का स्वागत किया गया। महीनों बाद स्कूल पहुंचे बच्चों का स्वागत बैंड बजाकर किया गया। वहीं क्लासेज में विशेष प्रार्थना भी हुईं। सेंट जेवियर्स ग‌र्ल्स स्कूल में भी बच्चों का स्वागत किया गया। इस दौरान बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर पढ़ाई करवाई गई। वहीं सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल में भी कम संख्या में स्टूडेंटस पहुंचे। इस दौरान ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में क्लासेज चलाई गई। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी सावधानियां भी बरती गई।

दोस्तों से मिलकर झूमे बच्चे

कोरोना संक्रमण के कारण मार्च में बंद हुए स्कूल करीब 7 महीने बाद 19 अक्टूबर को खुले। सोमवार को स्कूलों में नए सेशन का फिजिकली पहला दिन रहा। महीनों बाद स्कूल पहुंचे बच्चे एक-दूसरे को देख खुशी से चहचहा उठे। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी रहे, जो काफी दिन से बंद स्कूल को देखने पहुंचे। बच्चों के चेहरों पर महीनों बाद स्कूल पहुंचने की खुशी साफ देखने को मिली। वहीं इस दौरान टीचर्स से मिलकर बच्चों को कॉन्फिडेंस और मोटिवेशन काफी हाई रहा।

दोनों मोड्स में हुई पढ़ाई

स्कूल खुलने के बाद स्कूल में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में पढ़ाई हुई। इस दौरान टीचर्स ने एक साथ ही दोनों क्लासेज को अटेंड किया। फिजिकल क्लास के दौरान ही मोबाइल से ऑनलाइन क्लास के लिए स्टूडेंट्स को कनेक्ट किया गया। पहले दिन स्कूल पहुंचे स्टूडेंट्स ने सिलेबस रिलेटड क्वेरीज रखी। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन क्लासेज के दौरान पढ़ाए गए सिलेबस को ही रिवाइज किया।

अवेयर रहे स्टूडेंट्स

लंबे वक्त बाद स्कूल पहुंचे स्टूडेंट्स के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों में तमाम तैयािरयां की गई थी। हालांकिस्टूडेंट्स पूरी तरह से अवेयर रहे। स्कूल प्रिंसिपल्स ने बताया कि पहले लग रहा था कि बच्चों को हैंडल करना मुिश्कल हो सकता है लेकिन सभी स्टूडेंट्स एहितयात के साथ पहुंचे। बच्चों के पास खुद के मास्क और सेनेटाइजर थे। इसके अलावा वॉश रूम जाने से लेकर क्लास में बैठने तक को लेकर स्टूडेंटस ने पूरी सावधानी बरती।