-आबूलेन की अरबों की संपत्तियों का रिकार्ड खंगाल रहा विभाग

-टिन नंबर के ब्योरो को रजिस्ट्री विभाग ने खंगालना शुरू किया

-राजस्व की हानि को रोकने का प्रयास कर रहा रजिस्ट्री विभाग

आई एक्सक्लूसिव

Meerut । आबूलेन की अरबों की कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज पर स्टांप वसूली के लिए रजिस्ट्री विभाग ने नया प्रयोग शुरू किया है। विभाग अब सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की चौखट पर है और अब टिन नंबर से प्रॉपर्टीज का मालिकाना हक खंगाल रहे हैं। एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने बताया कि कैंट बोर्ड से नाकामी मिलने के बाद एक ओर जहां प्रॉपर्टीज के मालिकान को नोटिस जारी किए गए हैं तो वहीं दूसरी ओर टिन नंबर से पता-निशान तलाशने की कोशिश की जा रही है।

ताकि रुके राजस्व हानि

एआईजी स्टांप ने बताया कि खासकर कैंट क्षेत्र में खरीद-फरोख्त पर रोक के बाद रजिस्ट्री विभाग को बड़ा घाटा झेलना पड़ रहा है। कैंट एरिया में प्रॉपर्टीज की खरीद-फरोख्त रिकार्ड पर बेशक न हो रही हो किंतु मालिकान बदल रहे हैं। गैर पंजीकृत किराएनामों ने अरबों की संपत्तियों की बिक्री और खरीद हो रही है। अवैध किराएनामों के चलने से सीधे तौर पर विभाग को करोड़ों का नुकसान है। पिछले दिनों आबूलेन की व्यवसायिक संपत्तियों पर मालिकाना हक की तलाश के संबंध में रजिस्ट्री विभाग ने कैंट बोर्ड में दस्तावेजों को खंगाला था। आश्वर्यजनक था कि बोर्ड मालिकाना हक खंगाले बिना कब्जेदार से हाउस टैक्स वसूली कर रहा है। कैंट बोर्ड से दस्तावेज हासिल न होने पर विभाग ने आबूलेन के सभी शोरूम और दुकानों को नोटिस जारी कर मालिकाना हक के दस्तावेज तलब किए हैं तो दूसरी ओर टिन नंबर से असल स्थिति तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

सेल्स टैक्स में खंगालेंगे दस्तावेज

एआईजी ने बताया कि सेल्स टैक्स की वेबसाइट एवं रिकार्ड से आबूलेन की संपत्तियों का ब्योरा निकाला जा रहा है। टिन नंबर के रजिस्ट्रेशन में दाखिल मालिकाना दस्तावेजों की पड़ताल रजिस्ट्री विभाग कर रहा है। विभाग का मानना है कि आवेदन का आधार किराएनामे या रजिस्ट्री जो भी बनाया गया है उसकी पड़ताल कर ली जाएगी। दस्तावेज पंजीकृत नहीं मिला तो प्रॉपर्टी की कॉस्ट को आधार बनाकर किराएनामा आदि पर स्टांप चार्ज किए जाएंगे। फिलहाल आबूलेन के कारोबारियों की लिस्ट कॉम्पाइल की जा रही है।

---

सेल्स टैक्स विभाग में किस आधार पर टिन नंबर जारी किया यह पड़ताल रजिस्ट्री विभाग कर रहा है। राजस्व हानि को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध दस्तावेजों की पड़ताल जारी है।

गौरव वर्मा, एडीएम, वित्त एवं राजस्व, मेरठ