- एसडीएम मवाना कर रही हैं मामले की जांच, एक हफ्ते में सौंपनी है रिपोर्ट

- वोटर लिस्ट में कुलविंद्र और परिजनों के नामों में गड़बड़ी

Meerut : कुलविंद्र मुखिया की वोट मामले की जांच एसडीएम मवाना को सौंपते हुए इसकी रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर सौंपने को कहा है। ताकि जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जा सके। गौरतलब है कि कुलविंद्र के पिता का नाम वोटिंग लिस्ट में न होना और कुलविंद्र मुखिया का नाम वोटिंग लिस्ट में गड़बड़ी मिलने के बाद सभी बातें जांच के घेरे में आ गई हैं। कुलविंद्र मुखिया ने वार्ड-1 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है।

एसडीएम को सौंपी जांच

डीएम ने कुलविंद्र के डॉक्यूमेंट्स की जांच एसडीएम मवाना को सौंप दी है। डीएम की ओर से वोट कैसे बनी? किन डॉक्युमेंट के आधार पर बनी? कौन बीएलओ था? वेरीफिकेशप हुआ था या नहीं? तमाम बातों पर बारीकी से जांच करने के आदेश दिए हैं। डीएम की मानें तो जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी। सभी तथ्यों को सामने रखकर ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी। डीएम की ओर से 10 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। ताकि जल्द से जल्द रिपोर्ट चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंप दी जाए।

डीएम ने लिया था संज्ञान

मुखिया गूर्जर प्रकरण में डीएम को बताया गया था कि मुखिया अपने बेटे को वोट डलवाने के लिए आए थे। ऐसे में उन्होंने केली रामपुर के बूथ की वोटिंग लिस्ट मंगवाई तो देखा कि कुलविंद्र के अलावा मुखिया और उसके परिवार में से किसी और का वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था। ये भी पता चला कि मुखिया गूर्जर गांव तो क्या मेरठ जिले का ही मूल निवासी नहीं है। वहीं वोटर लिस्ट में देखा गया तो कुलविंद्र के नाम के आगे पिता/माता/पत्नी के कॉलम में मुनिया लिखा हुआ है। कुलविंद्र के परिवार में मुनिया नाम का कोई सदस्य नहीं है।

वर्जन

जांच के लिए एसडीएम मवाना को बोल दिया गया है। रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार कर आयोग को भेजी जाएगी। ताकि आयोग भी अपना निर्णय ले सके।

- पंकज यादव, डीएम