मेरठ (ब्यूरो)। 45 साल के साल के कैलाश गोमुख से पैदल कांवड़ लेकर दिल्ली जा रहे हैं। साथ ही उनकी बेटी और उसका बेटा भी है। कैलाश ने बताया कि भोलेबाबा की कृपा से उनकी मन्नत पूरी हुई थी। इसलिए कांवड़ यात्रा पर जाने का संकल्प लिया था। गोमुख से मेरठ तक 21 दिन का सफर पूरा हुआ है। दिल्ली जाना है। शिवरात्रि को बाबा भोलेनाथ को गोमुख से गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे। तभी संकल्प पूरा होगा। उन्होंने बताया कि रोजाना 45 किमी की दूरी तय करते हैं।

दस साल से ला रहे हैं कांवड़

संगीता ने बताया कि हरिद्वार से आ रही है अपने बेटे- बहू सहित 11 मेंम्बर्स के साथ आई हैं। उनके बेटे बच्चे हो इसकी मनोकामना थी, जो दो साल पहले पूरी हुई इसलिए अब साथ लेकर आई हैं, दो दिन से चले हुए हैं। उनका कहना है कि रास्ते में रात को जहां सोने की जगह मिलती है सो जाते हैं। किसी कैम्प का इंतजार नही करते हैं।

पूरा जत्था आया है

दिल्ली की चंद्रकला और विक्रम सिंह ने बताया कि 30 साल से कांवड़ ला रहे हैं। कभी गैप नहीं हुआ। सिर्फ कोरोना के समय में नहीं जा पाया। भोलेबाबा पर भरोसा है। सब कुछ सही होगा। इस साल 40 लोगों का जत्था साथ है। रास्ते में बाबा के अधिकतर मंदिरों में दर्शन करते आ रहे हैं। पहले दर्शनों के लिए नीलकंठ गए थे, फिर इसके बाद हरिद्वार से गंगाजल लेकर चल पड़े हैं।

दो साल के बच्चे के साथ आई

तनु अपने पति व दोनों बच्चों को साथ कांवड़ लेकर चल रही है। बच्चा दो साल का है, लेकिन चेहरे पर थकान नहीं आस्था का भाव है। उन्होनें बताया कि उनके साथ 40 लोग आए है, अधिकतर की कोई न कोई मुराद पूरी हुई है, वो लोग सुलतानपुर से आए है, सभी रास्ते में कम ही रुकना पड़े इसका प्रयास करते है केवल पांच से दस मिनट का ही ब्रेक लेते है।

कांवडिय़ों के लिए दवा शिविर लगाया

दर्शन हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर की टीम ने हाइवे पर संस्कृति रिसोर्ट के सामने कांवडि़ए के लिए चिकित्सा कैम्प एवं भंडारा लगाया गया। जिसमें कांवडिय़ों के लिए प्राथमिक उपचार व एंबुलेंस सेवा निशुल्क सुविधा दी गई। शिविर का आरंभ महामंडलेश्वर शिव प्र्रेमानंद महाराज एवं एडीजी मेरठ ने फीता काटकर किया। मौके पर डॉ। आनंद प्रकाश शर्मा, डॉ। सुदर्शन कुमार शर्मा, संदीप पाराशर, आशुतोष शर्मा, डॉ। राहुल पाराशर, डॉ। नितिन पाराशर, मोहित वशिष्ट, सोनू गुज्जर, विकास शर्मा साहिल शर्मा, जीशान चौहान, डॉ। अक्षय भारद्वाज मौजद रहे।

नोटों से कांवड़ सजाकर ले आए भोले

एनएच-58 पर गर्मी से तपती सड़क पर बम भोले की जय जयकार के साथ सफर करते दिल्ली निवासी दो शिवभक्तों द्वारा लाई जा रही नोटों से सजाई कांवड़ देखकर हर कोई कुछ देर के लिए ठिठक रहा है। एक लाख में सजकर तैयार हुई कांवड़ चर्चा का विषय तो बनी ही है, इसके पीछे की कहानी भी कम रोचक नहीं है। मनौती पूर्ण होने पर युवक नोटों से कांवड़ सजाकर लाए हैं। यात्रा पूर्ण कर नोटों को कांवड़ से उतार कर दान किया जाएगा। दल्ली के नांगलोई निवासी आजाद कुमार और अभिषेक कुमार ने कुछ दिन पहले मनौती मांगी थी। मनौती पूर्ण हो गई तो दोनों ने नोटों से सजी कांवड़ हरिद्वार से लेकर आने का संकल्प लिया। एक लाख से अधिक रुपये में कांवड़ 500, 100, 50 और 20 रुपये के नए नोटों से सजाई गई और हरिद्वार पहुंच गए। 17 जुलाई को दोनों ने कांवड़ कंधे पर रखी और यात्रा शुरू कर दी।