- ईदगाह चौराहे पर बेवजह लगता है ट्रैफिक जाम
- रेड लाइट न होने से भी होती है परेशानी
Meerut : सिटी का ईदगाह चौराहा सिटी के सबसे संवेदनशील चौराहों में से एक है। इसके बाद भी इस चौराहे पर कोई ट्रैफिक पुलिस खड़ा नहीं मिलता है। ताज्जुब की बात तो ये है कि आए दिन इस चौराहे पर एक्सीडेंट की घटनाएं होती रहती हैं। इस चौराहे के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये भी है कि इस चौराहे पर रेडलाइट तक नहीं है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा होती है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस चौराहे कौन-कौन सी परेशानियां हैं
टैंपो बने मुसीबत
बाकी चौराहों की तरह इस चौराहे पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम टैंपो की है। अधिकतर पब्लिक यहां उतरती है। लेकिन टैंपो को रोकने का कोई नियत स्थान नहीं है। कोई भी टैंपो वाला अपनी गाड़ी को रोककर खड़ा हो जाता है। ऐसे में पीछे से आ रहे ट्रैफिक को या तो स्लो होना पड़ता है या फिर अपनी गाड़ी को रोकना पड़ता है। ऐसे में ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।
रेड लाइट नहीं
यह बात बिल्कुल सही है कि हर चौराहे पर रेड लाइट की जरुरत नहीं है। अगर आप किसी भी आम आदमी से पूछेंगे कि ईदगाह चौराहे पर रेड लाइट की जरुरत है या नहीं तो हर कोई हां में ही जवाब देगा। रेडलाइट न होने के कारण चारों ओर से गाडि़यां आती हैं। ऐसे में अलग-अलग दिशाओं से आने वाली गाडि़यां एक-दूसरे के सामने से आ जाती हैं। जिससे दिक्कतें बढ़ जाती हैं। अगर रेड लाइट हो तो इस तरह की प्रॉब्लम को फेस न करनी पड़े।
अतिक्रमण भी मुसीबत
अगर बात सड़क की करें तो दोनों ओर की सड़क की चौड़ाई बामुश्किल ख्0 मीटर ही होगी। इसका मेन रीजन सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण होना है। सड़क के किनारों पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, जिसके कारण सड़क की चौड़ाई लगातार कम होती जा रही है। इससे भी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो रही है।
ट्रैफिक पुलिस कर्मी नहीं
ताज्जुब की बात तो ये है कि इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी का नामोनिशान तक नहीं है। संवेदनशील चौराहा होने के बावजूद भी इस चौराहे पर कोई ट्रैफिक पुलिस खड़ा होने को तैयार नहीं है। स्थानीय लोगों ने दबी जुबान में बताया कि ये चौराहा हिंदु मुस्लिम इलाकों को डिवाइड करता है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस कर्मी की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, लेकिन कभी होमगार्ड तो दिखाई दे जाते हैं लेकिन ट्रैफिक वाले नहीं।
रुल्स भी फॉलो नहीं
जहां बात रुल्स की आती है तो पब्लिक में भी इस बात की अवेयरनेस की काफी कमी है कि ट्रैफिक रुल्स फॉलो किया जाए। अगर चौराहे पर रेड लाइट नहीं है तो गाड़ी को और भी सजगता चलाया जाना काफी जरूरी है। सामने की तीनों दिशाओं को देखकर ही अपनी गाड़ी को आगे बढ़ाया जाना जरूरी है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर कोई सामने से हल्के व्हीकल पर आ रहा है तो अपनी स्पीड को थोड़ा कम कर लें।
पब्लिक ओपिनियन
अगर हर कोई ट्रैफिक रुल्स को फॉलो करने लगे तो इस चौराहे पर कभी ट्रैफिक जाम न लगे, लेकिन ऐसा करने को कोई तैयार नहीं है।
- नदीम अब्बासी
ऑटो और बस वाले इस चौराहे के बीच में कहीं भी रोक देते हैं। इनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। अगर इन पर अंकुश लगाया जाए तो काफी सुधार होने की उम्मीद है।
- राजेश अग्रवाल
रेड लाइट न होने से काफी दिक्कतें होती हैं। गाडि़यां बिना रुके कहीं से भी आ जाती हैं। ऐसे में एक्सीडेंट होने के साथ-साथ ट्रैफिक जाम भी होता है।
- ईशांत शर्मा
अगर ट्रैफिक पुलिस कर्मी ही यहां तैनात हो जाएं और अपना काम ईमानदारी करने लगें तो कोई भी दिक्कत या परेशानी नहीं होगी, लेकिन ऐसा कभी होगा नहीं।
- अनुज त्यागी
ये हो सकते हैं उपाय
- ईदगाह चौराहे रेड लाइट होना काफी जरूरी है।
- ऑटो और टैंपो चालकों के लिए स्टैंड होना काफी जरूरी है। ताकि वो कहीं भी अपनी मर्जी से न रोके।
- ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वालों का चालान होना चाहिए।
- सड़क के दोनों ओर से अतिक्रमण हटाया जाना काफी जरूरी है।
- ट्रैफिक पुलिसकर्मी हमेशा से तैनात होना काफी जरूरी है।