- ट्रैफिक नियमों को करना होगा सख्त, करनी होगी कार्रवाई

- दस मिनट का रास्ता जाम के कारण आधा घंटे में तय होता है

शहर स्मार्ट सिटी बनने को बेताब है। लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ने बुरा हाल कर दिया है। हालत यह है कि शहर के कई इलाकों की पहचान ही जाम से हो गई है। दैनिकजागरण आई नेक्स्ट की ओर से सीसीएसयू यूनिवर्सिटी कैम्पस, आनंद अस्पताल और खैरनगर में 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' कैम्पेन का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहरवासियों ने खुलकर अपनी बात रखी।

Meerut । शहर में बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था सबसे बड़ी समस्या है। हालांकि यातायात को सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट कई दावे करता है। लेकिन कई इलाकों में जाम ने लोगों का हाल खराब कर दिया है। कार्यक्रम में शहरवासियों ने जाम की वजह से होने वाली परेशानी पर अपने विचार रखे। इस दौरान यूनिवर्सिटी के पीजी स्टूडेंट आदेश प्रधान ने कहा कि जाम का मुख्य कारण ट्रैफिक नियम का पालन न होना है। चौराहे पर जाम लगा रहता है और पुलिस वाले साइड में खड़े रहते हैं। कोई भी पुलिस कर्मी जाम को खुलवाने की कोशिश नहीं करता है।

सख्ती से हो पालन

शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था पर शहरवासियों ने कहा कि यातायात नियमों में अक्सर ढील होने के कारण लोग नियमों की अनदेखी करते हैं। यही नहीं ट्रैफिक पुलिस के सिपाही भी वसूली में ज्यादा जुटे रहते हैं। ऐसे में मुख्य सड़के भी जाम से जूझती रहती हैं।

नो एंट्री में ना जाएं

अक्सर शहर में कई जगहों यातायात की सुगमता के लिए नो एंट्री है। लेकिन यातायात पुलिस की हीलाहवाली के चलते नो एंट्री में भी भारी वाहन नजर आते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।

सुझाव पर करें गौर

- ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हो कठोर कार्रवाई

- ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या पर हो नियंत्रण

- हर भीड़भरे चौराहे पर होनी चाहिए ट्रैफिक पुलिस के सिपाही की तैनाती

- सड़कों पर दुकानों के अतिक्रमण पर भी की जाए कार्रवाई

- बड़े वाहनों की एंट्री पर करना होगा बैन

- सड़कों के गड्ढों को भी समयबद्ध तरीके से ठीक कराया जाए

वर्जन

जाम की वजह नियमों का पालन न होना है। पुलिस वाले चौराहों पर खड़े रहते हैं। लेकिन जाम को खुलवाने के लिए कोशिश नहीं करते हैं। नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे अगली बार कोई नियम न तोड़े।

-अमरीशी आनंद, डायरेक्टर आनंद अस्पताल

अतिक्रमण के कारण भी जाम लगता है। जाम के कारण जो रास्ता दस मिनट का होता है उसमें आधा घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। यदि अतिक्रमण हट जाए तो आधे से अधिक जाम खत्म हो जाएगा। दूसरे नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए।

-मुनीष पंडित, लीगल मैनेजर आनंद अस्पताल

ट्रैफिक नियमों की हीलाहवाली से जाम लगता है.दो लेन की सड़क को लोग फोर लेन का बना देते हैं। जिसके कारण जाम अधिक हो जाता है। और समय अधिक लगता है। ई-रिक्शा भी जाम की बहुत बड़ी वजह है। इन पर लगाम लगनी चाहिए।

-संतोष त्यागी

बस या फिर ऑटो अपने स्टॉप पर नहीं रुकते हैं। जहां उनका मन होता है वहीं पर रोक लेते हैं। पुलिसकर्मी भी खड़े होकर देखते रहते हैं। उनको कोई हटाता तक नहीं है। यदि पुलिस सख्ती करे तो जाम बिल्कुल भी न लगे।

-रजनीश कौशल, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन महामंत्री

खस्ताहाल सड़कों के कारण भी जाम लगता है। वाहनों को देखकर चलाना पड़ता है। कहीं पर कोई बड़ा गड्ढा तो नहीं है। इसीलिए लोग आराम से वाहन चलाते हैं। जिसके कारण जाम लग जाता है। अवैध कट के कारण भी जाम लगता है।

-पंकज त्यागी, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन सदस्य