- रेप, गैंग रेप जैसे संगीन मामलों को गंभीरता से नहीं लेती पुलिस

- आरोपियों पर कार्रवाई के लिए पीडि़त को लगाने पड़ते हैं चक्कर

Meerut: यूपी पुलिस ने मेरठ के एक आरटीआई कार्यकर्ता के जवाब में शर्मनाक खुलासा किया कि रेप की बढ़ती वारदातों के लिए ग‌र्ल्स का पहनावा और मोबाइल फोन, टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जिम्मेदार हैं। इस तरह का जवाब देने वाली यह वही पुलिस है, जो रेप पीडि़ता की सुनवाई नहीं करती। केस दर्ज कराने के लिए पीडि़त को अफसरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में गुनाहगार बेखौफ होकर लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं। पुलिस अपनी इस कमी को पहनावे और मोबाइल की आड़ में ढक रही है।

पुलिस का इतना गुरूर

शास्त्रीनगर में रहने वाले लोकेश खुराना ने फ्0 जुलाई ख्0क्ब् को डीजीपी कार्यालय में आरटीआई डालकर सूचना मांगी थी कि ख्0क्ख् से यूपी में रेप या गैंग रेप के कितने मामले दर्ज हो चुके है और इनका कारण क्या है? इसका जवाब में पुलिस ने साफ लिखा है कि महिलाओं के पहनावा, इलेक्ट्रोनिक डिवाइस का इस्तेमाल रेप बढ़ने की वजह है। लेकिन क्या पुलिस स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाती?

दर्ज नहीं होती रिपोर्ट

एक पीडि़ता रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दस बार एसएसपी, डीआईजी और आईजी के चक्कर लगाती है, तब जाकर थाना प्रभारी रिपोर्ट दर्ज करते है और जांच में रेप की बात से इंकार कर देते है। जिस पहनावे की पुलिस बात कर रही है, गांव की महिलाओं से उसका कोई सरोकार भी नहीं है। लोगों का मानना है कि पुलिस पहनावे की बात कहकर अपनी लापरवाही को ढक रही है। पुलिस का यही रवैया अपराध को बढ़ावा दे रहा है।

इन्होंने कहा

यूपी पुलिस का जवाब काफी शर्मनाक है। ऐसा नहीं है कि जींस टी-शर्ट या स्कर्ट पहनने वाली लड़कियों के साथ रेप हो रहा है, बल्कि साड़ी पहनने वाली महिलाओं के साथ भी रेप होते हैं। पुलिस को अपनी खामिया भी देखनी चाहिए, दरअसल पुलिस भी अपने पार्ट पर काफी लापरवाही करती है। रेपिस्ट को बचाने की तमाम कोशिशें करती है।

-साधना श्रीवास्तव

अध्यक्षा, मानसी संस्था

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पुलिस दूसरों की गलतियां बहुत गिनवा देगी बल्कि अपनी खामियां कम बताएगी। कपड़े किसी की मानसिकता नहीं बदल सकते। पुलिस आरोपियों को थाने से छोड़ देती है, ऐसे में गुनाहगारों के बीच पुलिस का खौफ समाप्त हो जाता है। पुलिस को अपने सिस्टम में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

-मंजू गुप्ता

प्रोफेसर, मेरठ कॉलेज

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बढ़ती रेप घटनाओं की वजह नैतिक मूल्यों में कमी आना है। मां-बाप भागदौड़ में व्यस्त हो गए है और बच्चों को समय नहीं दे पाते यह भी रेप की बढ़ती घटनाओं की वजह है। जहां तक पहनावे की बात है कि गांव में महिलाएं कपड़े सही पहनते है उनके साथ भी रेप हो जाते है। पुलिस की यह थ्योरी गलत है। जुर्म भी महिलाओं के साथ हो और दोषी भी महिलाएं बने।

- सरोजिनी अग्रवाल

सपा एमएलसी

एसएसपी दफ्तर में बेहोश हुई दुष्कर्म पीडि़ता

मेरठ, एसएसपी दफ्तर पर बुधवार को एक दुष्कर्म पीडि़ता बेहोश हो गई। काफी देर बाद उसे होश आया। युवती ने दुष्कर्म के मामले में समझौते का झांसा देकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है।

झांसा देकर दुष्कर्म

परतापुर थाना क्षेत्र के रिठानी निवासी युवती के साथ युवक ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया था। इस मामले में वह जेल गया था। दस अक्टूबर को वह जेल छूटकर आया। क्भ् अक्टूबर को युवती फिर से एसएसपी से मिली। उसका है कि जेल से छूटने बाद अमित व उसके भाई ने उसे समझौता के नाम पर गगोल रोड पर बुलाया और सामूहिक दुष्कर्म किया।

न्याय की गुहार

रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर युवती गुरुवार को एसएसपी दफ्तर पर पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। इस दौरान वह एसएसपी ऑफिस में बेहोश हो गई। पुलिसकर्मियों ने उसे संभाला। बाद में एसएसपी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। उसका आरोप है कि परतापुर पुलिस दूसरे पक्ष से मिलीभगत किए हुए है।