- यूपी बास्केटबॉल टीम मेन में हैं पांच इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी

- वहीं स्टेट फीमेल टीम में है एक इंटरनेशनल खिलाड़ी

- मैसूर में होने जा रहे नेशनल चैंपियनशिप में देंगे सभी टीमों को मात

Meerut : वैसे तो यूपी के खिलाडि़यों का दबदबा नेशनल लेवल पर ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल पर भी है। खासकर क्रिकेट, हॉकी और कुश्ती का नाम ले तो काफी नाम गिनाए जा सकते हैं। वहीं बास्केटबॉल भी अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहा है। बास्केटबॉल यूपी स्टेट सीनियर में दोनों टीमों की बात करें तो इंटरनेशनल लेवल पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पुरुष टीम में अब भी पांच ऐसे खिलाड़ी हैं जो इंटरनेशनल लेवल पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उम्मीद की जा सकती है कि ये खिलाड़ी यूपी बास्केटबॉल को एक नया आयाम देने की कोशिश करेंगे। आइए आपका भी ऐसे खिलाडि़यों से परिचय कराते हैं

अभिषेक सिंह

वर्ष 2007 से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक ने सबसे पहले अंडर-14 अपने जौहर दिखाने शुरू किए। फिर से उसके बाद अंडर-19 नेशनल में सेलेक्शन हो गया। अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वर्ष 2012 में एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में सेलेक्शन हुआ। जिसमें टीम को विनर रही थी सीनियर इंडियन टीम का कैंप करने वाले अभिषेक कहते हैं कि यूपी टीम में इसी साल से खेल रहा हूं। इससे पहले रेलवे की ओर से खेल रहा था। यूपी में बास्केटबॉल की काफी संभावनाएं हैं। बाकी खेलों की तरह बास्केटबॉल के भी काफी बेहतरीन खिलाड़ी हैं।

राकेश कुमार

वर्ष 2006 में अपने हाथों में बास्केटबॉल हाथ में लेने वाले राकेश यूथ इंडिया अंडर-17 में सबसे पहले अपनी जगह बनाई। उसके बाद वर्ष 2008 में चिल्ड्रन ऑफ एशिया चैंपियनशिप खेलने के लिए रूस गए। जहां टीम की पोजिशन फिफ्थ रही थी। वर्ष 2010 में यमन में हुए जूनियर इंडिया के लिए एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप खेलने के लिए गए। दो व‌र्ल्ड रेवले चैंपियनशिप के लिए खेलने जाने वाले राकेश कहते हैं कि यूपी में अभी वो सहुलियत नहीं दी जा रही जिस तरह से दी जानी चाहिए। खिलाड़ी और कोच काफी मेहनत कर आगे बढ़ रहे हैं।

बॉबी सिंह

बॉबी सिंह पिछले 10 सालों से बास्केटबॉल कोर्ट में बॉल को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं। वर्ष 2005 में मिनी स्टेट चैंपियनशिप खेला। वर्ष 2007 में सीनियर टीम में जगह मिल गई। वर्ष 2010 में जूनियर एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप खेलने के गए। 2011 में सीनियर इन्वीटेशन खेलने के लिए गए। इंडियन टीम में एशियन गेम्स के लिए कैंप किया। बॉबी कहते हैं कि अभी हमें काफी दूरी तय करनी है। जिस लेवल पर हम खेल रहे हैं उसमें काफी सुधार की जरुरत है। बाहर जाते हैं तो काफी कुछ सीखने को मिलता है।

अंकुर आनंद सिंह

पिछले 10 सालों में दो इंटरनेशनल टूर्नामेंट में शिरकत करने वाले अंकुर सिंह आनंद का मानना है कि जिस तरह से हॉकी, क्रिकेट, टेनिस, बैडमिन्टन आदि खेलों पर ध्यान दिया जा रहा है, उसी तरह से बास्केट बॉल पर भी ध्यान देने की जरुरत है। यूपी की टीम ही नहीं बल्कि नेशनल टीम भी काफी आगे जा सकती है। बॉबी सिंह ने वर्ष 2005 से मिनि स्टेट से अपने करियर स्टार्ट किया था। 2009 में सीनियर टीम में शामिल कर लिए गए। वर्ष 2011 में व‌र्ल्ड रेलवे चैंपियनशिप खेलने के लिए बेल्जियम गए थे। जहां उन्हें काफी कुछ सीखने का मौका मिला था।

अनंत सिंह

वर्ष 2010 में जूनियर एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप खेलने वाले अनंत सिंह ने कहते हैं कि सुविधाओं के नाम पर काफी कमी है। फिर भी खिलाड़ी अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ रहे हैं। इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान भी बना रहे हैं। वर्ष 2004 से बास्केटबॉल कोर्ट में उतरने वाले अनंत सिंह बताते हैं कि सबसे पहले उन्होंने सब जूनियर स्टेट खेला। वर्ष 2005 में सीनियर खेलना शुरू किया।

वैष्णवी यादव

मात्र 16 साल की वैष्णवी यादव यूपी स्टेट बास्केटबॉल विमेन टीम की एक अहम हिस्सा बन चुकी है। शुरूआत में टेनिस की ओर रुख करने वाली वैष्णवी यादव को कोच की कमी वजह से बास्केटबॉल में आना पड़ा। जल्द ही उन्हें यूथ अंडर-16 नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप 2013 खेलने का मौका मिला। जल्द अपने आपको प्रूव कर हाल में इंडोनेशिया में खेले गए फीबा एशियन चैंपियनशिप में इंडियन टीम का प्रतिनिधित्व किया। टीम कोई मैच तो नहीं जीत सकी। लेकिन वैष्णवी ने अपना प्रभाव जरूर छोड़ा।