-सीएमओ ऑफिस में पीडि़ताओं को डॉक्टर्स का करना पड़ा घंटो इंतजार

-जनपद की 19 एसिड अटैक पीडि़तों ने कराया मेडिकल परीक्षण

Meerut। एसिड अटैक जैसे जघन्य अपराध को लेकर सीएम अखिलेश यादव भले ही गंभीरता दिखा रहे हों, लेकिन तमाम गड़बड़ घोटालों को लेकर चर्चाओं में रहने वाला सीएमओ ऑफिस इसको लेकर कतई गंभीर नहीं है। यही कारण है कि हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को मेडिकल परीक्षण कराने सीएमओ ऑफिस पहुंची एसिड पीडि़ताओं को डॉक्टर्स का घंटो इंतजार करना पड़ा।

घंटो भटकती रही पीडि़ताएं

शुक्रवार को एसिड अटैक पीडि़ताओं को सीएमओ ऑफिस में मेडिकल के लिए बुलाया तो गया लेकिन उन्हें घंटों मारे-मारे फिरना पड़ा, न खुद सीएमओ डॉ। रमेश चन्द्रा उनकी सुनने को तैयार थे और न ही बाकी का स्टॉफ। इससे परेशान होकर जब एसिड अटैक पीडि़ताओं ने हंगामा करने की तैयारी की तो, तब जाकर डॉक्टर्स ने उनकी सुध ली। और मेडिकल बोर्ड बैठा।

19 पीडि़ताओं ने कराया मेडिकल

दरअसल, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के के अंतर्गत एसिड अटैक पीडि़तों को मुआवजा मिलना है। इस मामले में मुहिम फाउंडेशन ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर एसिड अटैक लोगों को योजना में शामिल करने की मांग उठाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने फ्रैश मेडिकल बोर्ड गठित करके फिर से इन एसिड अटैक पीडि़तों का मेडिकल कराए जाने का आदेश दिया था। ये आदेश 15 जून को रिसीव भी करा दिया गया था, जिसमें एक महीने में मेडिकल कराया जाना था। स्वास्थ्य विभाग ने फिर तारीख बढ़ा दी। इस दौरान 19 एसिड अटैक पीडि़तों का मेडिकल कराने का आदेश दिया गया था।

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एसिड अटैक पीडि़तों का मेडिकल परीक्षण किया गया है। इसकी रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दी जाएगी।

-डॉ। धीरेन्द्र कुमार, डिप्टी सीएमओ