- महिला जूडो कोच ने डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स पर लगाया आरोप
- मुख्यमंत्री के आदेश पर एडीएम-ई को सौंपी गई जांच
- पहले भी कई मामलों में फंस चुके हैं डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स
- मेरठ के आरएसओ पर पद रह चुके हैं आरएन सिंह
Meerut : कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में तैनाती के दौरान वह खेलों का भला तो नहीं कर सके, लेकिन दामन दागदार जरूर कर दिया। पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी आरएन सिंह पर टारगेट जलवाने और शराब पीकर खिलाडि़यों एवं स्टाफ से मारपीट के आरोप में नया सनसनीखेज आरोप जुड़ गया। एक महिला कोच ने पूर्व आरएसओ पर शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामला सीएम से स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट पहुंचा तो तुरंत कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए। वहीं सीएम ने जांच का आदेश एडीएम ई को सौंपी है और 10 दिनों में रिपोर्ट भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इस मामले में फंसे आरएन सिंह
पूर्व आरएसओ और डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स लखनऊ आरएन सिंह के खिलाफ महिला जूडो कोच ने 21 मार्च को सीएम को लेटर लिखकर आरोप लगाया था कि मेरठ के तत्कालीन आरएसओ आरएन सिंह गालीगलौज के साथ ही शर्त न मानने पर नौकरी लेने की धमकी देते थे। अपनी पहुंच की धौंस देते हुए वह लगातार कोच का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करते रहे। महिला कोच ने उनकी धमकी से डरकर शासन से गुहार लगाई, लेकिन किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया।
कोच ने लगाई थी गुहार
कोच ने गुहार लगाई थी कि वह घर में इकलौती कमाने वाली सदस्य है। ऐसे में उस पर अपने घर को संभालने और परिजनों की सेवा का अतिरिक्त भार है। कोच ने प्राकृतिक न्याय की अपील करते हुए तत्कालीन आरएसओ को तत्काल हटाने की भी मांग की थी। बाद में शिकायत सीएम ऑफिस पहुंची तो शासन हरकत में आ गया।
10 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश
8 अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत विभाग में पत्र पहुंचा, जिस पर खेल सचिव को जांच का आदेश जारी किया। यहां से खेल निदेशालय एवं जिलाधिकारी से जांच रिपोर्ट तलब की गई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पांच मई को खेल निदेशक को रिमाइंडर भेजकर सिर्फ 10 दिनों में जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इससे अलावा तत्कालीन क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी आरएन सिंह पर तीरंदाजी टारगेट को जबरन जलवाने, हॉस्टल के खिलाडि़यों से गालीगलौज और चपरासी के साथ मारपीट का मामला भी जांच के दायरे में है।
हर अधिकारी झाड़ रहा है पल्ला
अब हर अधिकारी इस मामले में बचने का प्रयास कर रहा है। इस मामले में प्रमुख सचिव स्पोर्ट्स से बात की गई तो उन्होंने मामला संज्ञान में न होने की बात हुई। वहीं मेरठ के एडीमएम ई इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने लेटर न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। ताज्जुब की बात तो ये है कि दोनों ही अधिकारियों को सीधे सीएम ऑफिस से लेटर पहुंचे थे। लगता है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हो रहा है।
मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मैं इस मामले को संज्ञान में लेकर देखता हूं कि किस तरह का मामला है। दोषी को कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- भुवनेश कुमार, खेल सचिव
मामला काफी गंभीर है। इस पर जांच के आदेश कर दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कड़ी से कार्रवाई नियमों के तहत की जाएगी।
- आरपी सिंह, डायरेक्टर, स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट
अभी मेरे पास लेटर नहीं है, लेकिन जांच के बाद ही मैं कुछ कहने में सक्षम हो पाऊंगा।
- दिनेश चंद्रा, एडीएम-ई, मेरठ