वाराणसी (ब्यूरो)18 किलोमीटर रेडियस के नगरीय निकाय सीमा वाले बनारस के कई इलाकों में वेंडिंग जोन बनाए गए हैंउन एरियाज में ही दुकानें लगाने की छूट होती है, लेकिन शहर में लगभग सभी सड़कों के किनारे बेतरतीब ठेला-खोमचा वाले खड़े नजर आते हैंइनकी वजह से कहीं फुटपाथ पर कब्जा रहता है तो कहीं ये आधी सड़क ही घेरे हुए रहते हैंऐसे में शहर में आए दिन जाम की समस्या खड़ी रहती है, जिससे ट्रैफिक पुलिस के साथ ही शहर के लोग और बाहर से आने वाले पर्यटक भी जूझते नजर आते हैंहाल ये है कि नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार शहर में वेंडिंग जोन के लिए महज 1700 लाइसेंस जारी हुए हैं, जबकि शहर में नजर आने वाले ठेला-खोमचा की दुकानों की संख्या 17000 से भी अधिक है.

हर जोन में बने वेंडिंग जोन

नगर निगम वाराणसी की तरफ से शहर के सभी जोन में वेंडिंग जोन बनाये गए हैंइन्हीं में लाइसेंस पाने वाले दुकानदारों को अपनी रेहड़ी, ठेला या खोमचा लगाने के लिए स्पेस का आवंटन किया जाता हैनगर निगम की तरफ से जो स्पेस दुकानदारों को आंवटित की जाती है, उन्हें वहीं दुकान लगाने की अनुमति होती हैनिगम से मिले आंकड़ों के अनुसार शहर के पांचो जोन में अब तक 17 सौ दुकानों के लिए स्पेस आंवटित किये गए है

जोनल कार्यालय से लाइसेंस

वेंडिग जोन के तहत दुकानदारों को दुकान लगाने के लिए जो स्पेस आंवटित किया जाता है, उसका स्वीकृति पत्र जोनल कार्यालयों से जारी किया जाता हैइसके लिए जोनल अधिकारियों द्वारा दुकानदारों से नियमावली और पत्रावली के आधार पर फार्म भरवाया जाता हैउनसे सर्टिफिकेट आदि भी लिया जाता है

एक परिवार, एक व्यक्ति

नगर निगम के नियमों के अनुसार एक परिवार के एक व्यक्ति को ही वेंडिंग जोन के तहत स्पेस आंवटित किया जाता हैजबकि हकीकत ये है कि हर परिवार से तीन से चार लोग शहर में ठेला-खोमचा आदि लगाते हैंवेंडिंग जोन में जगह नहीं मिलने के कारण ये अलग-अलग सड़कों के किनारे अवैध कब्जा जमाए नजर आते हैंइनका कहना है कि एक ही व्यक्ति कमाएगा तो परिवार का खर्च आखिर कैसे चलेगा.

किस तरह मिलती मदद

दुकान लगाने के दौरान या रोजगार की शुरूआत करते समय दुकानदारों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत मदद की जाती हैयोजना के तहत नगर निगम की कार्यदायी संस्था डूडा की ओर से 10 हजार रुपये दिए जाते हैं.

नियंत्रण न होने से जाम

नगर निगम की ओर से वेंडिंग जोन के निर्माण और आवंटन में बरती जा रही लापरवाही के कारण ही शहर में जाम की समस्या आम होती जा रही हैकारण कि दुकानदार सड़कों के किनारे ठेला-खोमचा लेकर खड़े होने को विवश होते हैं.

शहर में जोनवार आंवटित दुकानें

भेलूपुर- 450

आदमपुर- 200

दशाश्वमेध- 400

कोतवाली- 150

वरूणापार- 400

दुकानदारों और कामगारों के हितार्थ हमारी ओर से पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन लिया जाता हैजांच के उपरांत उन्हें लाभ दिलाया जाता है.

निधि वाजपेयी, ओएसडी, डूडा

वेंडिग जोन और अधिक मात्रा में बनाए जाएंअभी मौजूद वेंडिंग जोन भी स्मार्ट बनाएं जाएं, ताकि वहां अधिक दुकानें लग सकेंसभी से नियमों का हरहाल में अनुपालन कराया जाएपुलिस का सहयोग मिले तो सबकुछ सुव्यवस्थित किया जा सकता है.

कर्नल राघवेन्द्र मौर्या, प्रभारी, प्रवर्तन दल, नगर निगम

हमारे एसीपी की टीम प्रत्येक चौराहों का इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी और अतिक्रमण मुद्दे पर अध्ययन कर रही हैटीम की रिपोर्ट आने के बाद ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए उसके सुझावों पर काम कराया जायेगानगर निगम की ओर से शहर में नो वेंडिंग जोन का चिन्हाकन किया जाए, ताकि वहां दुकानें लगने से रोकी जा सकेंइसके बाद ही जाम पर लगाम लगाई जा सकती है.

आरएस गौतम, डीसीपी, काशी