- हॉस्पिटल के ओपीडी में रूम नंबर 103 में दिन रात होगी कोरोनावायरस की जांच, पेशेंट को नहीं लगाना होगा लाइन

-वीसी ने मीटिंग कर कैंपस में जागरुकता बढ़ाने के लिए की अपील

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कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बीएचयू के वीसी प्रो। राकेश भटनागर ने एक उच्च स्तरीय मीटिंग कर कैंपस सहित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में जागरुकता लाने को कहा। बैठक में बताया कि अगर किसी व्यक्ति को बुखार, खांसी होने या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है या वह कोरोनावायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है या फिर उसने कोविड-19 से ग्रस्त किसी देश की यात्रा की है, उनकी जांच के लिए खास इंतजाम किये गए हैं। ऐसे लोग रजिस्ट्रेशन पर्ची बनवाकर बिना किसी लाइन में लगे सीधे ओपीडी के कमरा नं 103 में जाकर एडवाइज ले सकते हैं। यहां जांच की सुविधा हर दिन 24 घंटे उपलब्ध है।

भीड़ से बचें टीचर्स व स्टूडेंट्स

वीसी ने सभी संकाय प्रमुखों व संस्थान निदेशकों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि स्टूडेंट्स टीचर्स व स्टाफ सदस्यों के बीच कोरोनावायरस से बचाव पर अवेयर हों। उन्होंने छात्रों को हॉस्टल में रहने व भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी। संकाय प्रमुख, निदेशक व अन्य जिम्मदार पदाधिकारी पोस्टर व अन्य माध्यमों से कोरोना के बचाव के बारे में छात्रों को अवेयर करने का भी आदेश दिया। कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर सहित हॉस्पिटल में अनावश्यक भीड़ न लगाने की भी अपील की।

बिना काम के न आएं हॉस्पिटल

सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में आने वाले पेशेंट व उनके परिजनों से बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने अपील की है कि बहुत जरूरी होने पर ही हॉस्पिटल आएं। यदि इंतजार संभव हो तो जांच, चिकित्सकीय प्रक्रिया, ऑपरेशन, परामर्श कुछ दिन बाद कराएं। ऐसा करने से अस्पताल में अनचाही भीड़ से बचा जा सकेगा। जिससे संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकेगा और प्रशासन व स्टाफ को अपना काम करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

छह में आइसोलेशन, दो में इलाज

कोरोनावायरस के मामलों या इससे जुड़ी जांच के सिलसिले में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में विशेष इंतजाम किये गए हैं। अस्पताल में छह आइसोलेशन वार्ड और 10-10 बेड वाले दो वार्ड कोरोनावायरस के मामलों की जांच व इलाज के लिए तैयार हैं। डाक्टर्स की टीम कोरोनावायरस संक्रमण के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए पूरी तत्परता के साथ काम में जुटी है। इस दिशा में हॉस्पिटल के कर्मचारियों को भी पूरी सावधानी व सतर्कता बरतने के लिए आवश्यक उपकरण व सलाह दी गयी है। मीटिंग में रेक्टर प्रो। वीके शुक्ला, रजिस्ट्रार डॉ। नीरज त्रिपाठी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो। एसके माथुर, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो। आरके जैन भी उपस्थित थे।