वाराणसी (ब्यूरो)यह दावा किया जाता है कि केंद्र सरकार की भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लोगों के इलाज में वरदान साबित हो रही है, लेकिन हकीकत में इसका लाभ हर किसी को नहीं मिल पा रहा हैवर्ष 2011 तक की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना में शामिल लोगों को भले ही इस योजना का लाभ मिल गया हो, लेकिन अभी भी तमाम ऐसे परिवार हैं, जो आयुष्मान के इंतजार में बैठे हैंवजह जनगणना में इनका नाम न होना हैएक अनुमान के मुताबिक ऐसे करीब 5 लाख से ज्यादा लोग हैंगरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले इन परिवारों को सरकार के फ्री इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा हैऐसे में ये आज भी महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर हैंये लोग स्वास्थ्य विभाग का चक्कर लगाते-लगाते थक गए, लेकिन इन्हें आयुष्मान में शामिल नहीं किया गयायह हाल तब है जब सरकार का अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने पर जोर है

12 साल बाद भी जनगणना नहीं

एक अनुमान के मुताबिक बनारस डिस्ट्रिक्ट का पॉपुलेशन 50 लाख के करीब हैलेकिन, इसके 10 परसेंट परिवार को भी आयुष्मान का लाभ नहीं मिला हैलोगों का कहना है कि 2011 के बाद से अभी तक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना नहीं कराई गईतब से लेकर अब तक में लाखों ऐसे परिवार बढ़े हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैंये लोग भी आयुष्मान योजना से जुड़कर इलाज कराना चाहते हंै, लेकिन सरकार की जनगणना वाली पॉलिसी की वजह से इन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहाइन परिवारों का कहना है कि विभाग की ओर से यह कहा जाता है कि जब तक दोबारा आर्थिक जनगणना नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाएगा

नहीं है डाटा

जिले में 23 सितंबर 2018 से आयुष्मान भारत के कार्ड बनाने का काम शुरू हुआ थास्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2011 में हुई आर्थिक जनगणना के अनुसार जिले के करीब 5 लाख परिवारों को इस योजना से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया थालेकिन, अभी तक कितने परिवारों को इसका लाभ दिया गया है, इसका सही आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं हैहां अब तक कितने लोगों का गोल्डेन कार्ड बना है इसकी जानकारी जरुर हैपिछले पांच साल में अब तक 5 लाख 80 हजार 860 लोगों के कार्ड बने है

5 लाख तक मिलता है फ्री इलाज

आम-जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैंइन योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री जन-आरोग्य आयुष्मान भारत योजना है, जिसके तहत कार्डधारियों को पांच लाख रुपए तक फ्री इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है.

उम्र की सीमा नहीं

आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया हैयोजना का लाभ लेने के लिए परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई हैआयुष्मान योजना के पात्र लाभार्थियों को वर्ष में 5 लाख रुपए तक की नि:शुल्क चिकित्सा का लाभ मिलता है.

ईएसआई के दायरे में आने वाले पात्र लेकिन एक का भी नहीं बना कार्ड

इस योजना के तहत वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के लोगों को तो पात्र माना गया ही हैइसके अलावा श्रमिक व अंतयोदय कार्ड प्राप्त करने वालों को भी इसके दायरे में लिया गया हैइसके साथ ही ऐसे कर्मचारी जिनकी ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) में कटौत्रा होता है, वे भी इस योजना में पात्र हैं.

2011 तक की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना में शामिल लोगों का ही कार्ड बनना हैअगली जनगणना तक तक नहीं हो जाती तब कि किसी को भी इसका लाभ नहीं दिया जा सकताजो लोग अभी भी बचे हैं, उनका कार्ड बनाया जा रहा है.

संदीप चौधरी, सीएमओ