UGC ने जारी की नई गाइड लाइन, रिटायर टीचर्स नहीं बन सकते गाइड

नये आदेश से काशी विद्यापीठ के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के रिसर्च स्कॉलर्स में मची खलबली

-85 स्कॉलर्स को हाल ही में रिटायर टीचर के रूप में गाइड देने पर लगी थी मुहर

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के रिसर्च स्कॉलर्स को गाइड मिलने के बाद संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यानि कि उनकी पीएचडी में फिर पेंच फंस सकता है। यूजीसी की नई गाइड लाइन के अनुसार अब रिटायर टीचर्स को गाइड नहीं बनाया जा सकता है। जबकि हाल ही में यूनिवर्सिटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने हिस्ट्री डिपार्टमेंट के रिसर्च स्कॉलर्स की पीएचडी पूरा कराने के लिए रिटायर टीचर्स को गाइड बनाने पर मुहर लगा दी थी। अब यूजीसी के नए गाइड लाइन से रिसर्च स्कॉलर्स व यूनिवर्सिटी में खलबली मची हुई है।

पांच साल से कर रहे इंतजार

काशी विद्यापीठ में रिसर्च क्लासेज में एडमिशन के लिए सन् ख्0क्0 में एंट्रेंस एग्जाम हुआ था। इसका रिजल्ट एक साल बाद ख्0क्ख् में डिक्लेयर हुआ था। एंट्रेंस एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर सैकड़ों स्टूडेंट्स का पीएचडी में रजिस्ट्रेशन भी हुआ। इनमें से कई रिसर्च स्कॉलर्स की पीएचडी पूरी भी हो चुकी है। वहीं हिस्ट्री डिपार्टमेंट में सीटें खाली न होने के कारण 8भ् रिसर्च स्कॉलर्स की पीएचडी फंस गई। हालांकि इन स्टूडेंट्स ने शोध अध्यादेश-ख्009 के तहत छह माह के कोर्स वर्क के लिए फीस भी जमा कर दी थी। इनका कोर्स वर्क भी पूरा हो चुका है।

नहीं मिले गाइड

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन कई साल बाद भी इन्हें गाइड नहीं उपलब्ध करा सका। जबकि नए शोध अध्यादेश के तहत कोर्स वर्क की फीस जमा करने की डेट से ही पीएचडी में रजिस्ट्रेशन मानने का प्रावधान है। इसे देखते हुए पिछले दिनों यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल व एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने रिटायर टीचर्स को गाइड बनाने की मंजूरी दे दी ताकि इन रिसर्च स्कॉलर्स का पीएचडी पूरा कराया जा सके। इसी बीच यूजीसी के सेक्रेटरी प्रो। जसपाल एस संधू के लेटर से यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पशोपेश में पड़ गया है। इस लेटर में रिटायर टीचर्स को गाइड बनाने पर रोक लगा दी गई है।