वाराणसी (ब्यूरो)पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बनारस के विकास से ही पूरे देश का रोडमैप तैयार होता हैश्री काशी विश्वनाथ मंदिर ने अद्भूत, अलौकिक और भव्य विश्वनाथ धाम का रूप धारण कर विकास का नया मॉडल पेश किया, जो काशी मॉडल के नाम से पूरे देश में पहचान बन चुकी हैअब वैश्विक स्तर पर काशी मॉडल को पेश करने की तैयारी शुरू हो गई हैजून महीने में बनारस में प्रस्तावित जी-20 की बैठक में सभी 20 देशों के विकास मंत्री शामिल होंगेउनकी मौजूदगी में पूरे विश्व को विकास के नये मॉडल से रूबरू कराया जाएगाइस महत्वपूर्ण बैठक में खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं

17 अप्रैल को पहली बैठक

जी-20 को लेकर वाराणसी में कुल पांच बैठकें होंगीपहली बैठक 17 अप्रैल को होगीइसके बाद जून में दो और अगस्त में दो बैठकें होंगीइसमें तीसरी बैठक सबसे महत्वपूर्ण है, जो भारत में जी-20 की होने वाली चार प्रमुख बैठकों में शामिल हैइस बैठक में भारत, ऑस्टे्रलिया, अर्जेटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, साउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ के डेवलपमेंट मिनिस्टर शामिल होंगे, जो कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, पयर्टन, स्वास्थ्य समेत विषयों पर मंथन करेंगेइसके बाद विश्व को विकास का नया मॉडल देंगेये बैठकें टीएफसी, होटल ताज और रुद्राक्ष सेंटर में होंगी

जी-20 के देश

भारत, ऑस्टे्रलिया, अर्जेटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, साउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ

राष्ट्राध्यक्षों की जी-20 में सहभागिता

वर्ष 2008 से विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष जी-20 में शामिल हुए। 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर जी-20 को राष्ट्राध्यक्षों शासनाध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था। 2009 में इसे 'अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंचÓ के रूप में नामित किया गयाजी-20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता हैशुरुआत में जी-20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य विषयों के साथ व्यापार, जलवायु, परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु, परिवर्तन और भ्रष्टाचार, विरोध शामिल किया गया

जी-20 क्या है

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच हैयह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

भारत के पास अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा

जी-20 की स्थापना

जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी.

वाराणसी में जी-20 को लेकर कुल पांच बैठकें होंगी। 17 अप्रैल को पहली बैठक होगीइसके बाद जून में दो और अगस्त में दो बैठकें होंगीइसमें तीसरी बैठक सबसे महत्वपूर्ण है, जो भारत में जी-20 की होने वाली चार प्रमुख बैठकों में शामिल हैइस बैठक में सभी देशों के डेवलपमेंट मिनिस्टर शामिल होंगे.

कौशलराज शर्मा, कमिश्नर