- गंगा में जल समाधि का कार्यक्रम में अचानक हुआ फेरबदल

श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के संतों, महंतों के बीच मंत्रणा के बाद अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के पाíथव शरीर को गंगा में जल समाधि नहीं दी गई। उन्हें शिवपुर स्थित अन्नपूर्णा आश्रम परिसर में भू- समाधि दी गई। पूर्व घोषित कार्यक्रम में रातोंरात फेरबदल कर दिया गया। रात्रि में ही अखाड़ा के संत, महंत उनका पाíथव शरीर विश्वनाथ गली स्थित अन्नपूर्णा मंदिर से लेकर शिवपुर स्थित अन्नपूर्णा आश्रम आ गए थे।

इससे पूर्व भोर में 5 बजे उनके पाíथव शरीर का दूध, दही, शहद, घी, इत्र से अभिषेक कराया गया। गेरुआ वस्त्र धारण कराकर पगड़ी बांधी गई। इसके बाद रुद्राक्ष तुलसी और फूलों की मालाएं पहनाई गई। सिंघासन पर विराजमान कराया गया। आरती की गई। उप महंत शंकर पुरी की अगुवाई में अंतिम यात्रा निकली। महाराज को मंदिर की एक फेरी के साथ ही मंदिर परिवार के सदस्य कंधे पर पालकी रखकर बांसफाटक पहुंचे। वहां से वाहन द्वारा अंतिम यात्रा शिवपुर पहुंची।

जहां ब्रह्मचर्य ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय के मैदान में संतों ने ही समाधि की सारी प्रक्रिया पूरी की। वैदिक मंत्रों के बीच सुबह 7.45 बजे उन्हें भू समाधि में लीन कराया गया। इस दौरान महानिर्वाणी अखाड़े से आये संत, काशी के संत समाज, काशी अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्ट के एक्सक्यूटिव ट्रस्टी के। जनार्दन शर्मा, मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा, बटुक भैरव मंदिर के महंत भास्कर पुरी, महंत राकेश पुरी, प्रो। रामनारायण द्विवेदी और मंदिर परिवार से जुड़े लोग मौजूद रहे।

इसलिए लिया गया भू समाधि का निर्णय

गंगा निर्मलीकरण के निमित्त सार्थक संदेश देने के लिए भू-समाधि के विकल्प को स्वीकार किया गया। महंत रामेश्वरपुरी ने अपने जीवनकाल में गंगा निर्मलीकरण के लिए बहुत कार्य किए। ललिता घाट पर दैनिक गंगा आरती की शुरुआत का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। यही कारण है कि अखाड़े से पहुंचे संतों के निर्णय के बाद देर रात्रि भू समाधि दिलाने का तय हुआ।

सीएम के दूत बनकर पहुंचे राज्यमंत्री

समाधि स्थल पर रविवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ के दूत बनकर राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी पहुंचे। उन्होंने सीएम की तरफ महंत रामेश्वरपुरी की समाधि पर पुष्प अíपत किया और उपमहंत शंकर पुरी से वार्ता करके सीएम का शोक संदेश दिया। इसके अलावा भाजपा काशी प्रांत के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, पूर्व राज्यमंत्री रीबू श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य लोग श्रद्धांजलि अíपत करने समाधि स्थल पहुंचे थे।