वाराणसी (ब्यूरो) वाराणसी में चुनाव पारा चढऩे लगा हैजैसे-जैसे मतदान की डेट नजदीक आ रही है, उसी रफ्तार से सियासी गतिविधियां भी तेज हो गयी हैंलोकसभा चुनाव के बाद से ही कई लोगों ने वाराणसी में विधानसभा की आठ सीटों से चुनाव लडऩे का सपना देखा थाइसे लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ भी लगा रहे थे, लेकिन रविवार रात बीजेपी ने एक बार फिर पुरनियों को मैदान में उतारकर प्रत्याशियों को लेकर चल रही कयासबाजी पर विराम लगा दिया है, लेकिन पुरनियों पर बीजेपी की दांव से नये दावेदार पांच साल से बैक हो गए

दक्षिणी सीट पर सबसे ज्यादा दावेदार

बनारस की सबसे हॉट दक्षिणी सीट को लेकर पिछले दो साल से शहर में खूब चर्चा थीकई नये चेहरे खुद को दावेदार बताते थे, जिसमें संत, व्यवसायी, प्रोफेसर समेत कई महिलाएं भी थींसभी दावेदारों ने अपने राजनीतिक आकाओं के यहां लगातार हाजिरी भी लगाईपैसा भी खूब खर्चा किया, लेकिन हाईकमान ने राज्यमंत्री डानीलकंठ तिवारी को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित कर दिया। 2017 में भी इस सीट को लेकर खूब सियासत हुई थीकई बार के विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी का टिकट काट दिया गया था

दक्षिणी के साथ उत्तरी सीट को लेकर भी खूब चर्चाएं थीं, जिसमें बनारस की सभी सीटों पर संघ की ओर से सर्वे कराने समेत टिकट कटने समेत कई चीजें शामिल रहींसिटिंग विधायक के बावजूद यहां से दावेदारों की लिस्ट भी लंबी थी, जिसमें एक नामी स्कूल के मालिक समेत कई युवा चेहरे थेसभी ने टिकट पाने के लिए पैसा भी खूब बहाया, लेकिन सब धरा का धरा हर गयाबीजेपी ने उत्तरी से राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल को लगातार चौथी बार प्रत्याशी घोषित कर दिया

दक्षिण व उत्तरी के अलावा कैंट, शिवपुर, अजगरा, पिंडरा, रोहनियां व सेवापुरी सीट से भी तमाम नये दावेदारों ने प्रत्याशी बनने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थीसंघ से लेकर पार्टी तक अपने शुभचिंतकों तक पैरवी की, लेकिन इन सीटों पर बीजेपी ने अजगरा से टी राम को छोड़कर अपने पुरनियों को ही प्रत्याशी घोषित कर दियाकैंट से सौरभ श्रीवास्तव, शिवपुर से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पिंडरा से डाअवधेश सिंह पर दोबारा भरोसा जताया

सहयोगी को रोहनियां व सेवापुरी

वाराणसी में विधानसभा की आठ सीटें हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने छह सीटों पर ही प्रत्याशी उतारा है, रोहनियां व सेवापुरी से अभी तक घोषणा नहीं हुई हैराजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ये दोनों सीटें सहयोगी पार्टी अपना दल एस के खाते में चल गयी हैंपिछले चुनाव में भी अपना दल एस को एक सीट सिर्फ सेवापुरी मिली थी, लेकिन इस बार बीजेपी की सहयोगी सुभासपा नहीं हैइसलिए अपना दल एस के खाते में दो सीटें जा सकती हैं