वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में इन दिनों सड़क पर आवारा और कुछ लोगों द्वारा पाले जाने वाले मवेशी जहां-तहां भटकते मिल जाएंगे। ये मवेशी आफिस, स्कूल्स, हॉस्पिटल और अपने रूटीन कामों पर जाने के दौरान लोगों के वाहनों का रास्ता रोककर देर करते हैैं। मवेशी और जानवरों को बीच सड़क पर आ जाने या विचरण करने से जाम की स्थिति बन जाती है। इस जाम में फंसने से नागरिक ऑफिस जाने, स्टूडेंट स्कूल जाने और तमाम लोगों को अपने गंतव्य तक जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और कई बार तो डेडली लेट-लतीफी के भी शिकार होते हैैं। इतना ही नहीं कई बार तो बाइकर्स इन मवेशियों से टकराकर घायल हो जाते हैैं.
केस-1
सिगरा के सतीश मौर्य कहते हैैं कि कई बार काशी विद्यापीठ के पास चंदुआ सट्टïी और इससे लगायत सिगरा की सड़कों पर पशु विचरण करते रहते हैैं। रविवार को मुझे एक इमरजेंसी के चलते जल्दबाजी में बाइक से निकलना पड़ा। जैसे ही सिगरा तिराहे पर पहुंचा तो सामने से आ रही एक गाय से टकरा गया। गनीमत रही कि गहरी चोट नहीं आई.
केस-2
लंका के सूर्यकांत गत शुक्रवार को रात में बाइक से हवा खाने निकले थे कि अस्सी घाट वाले रास्ते में एक गली से दौड़ता हुआ साड़ आया और टक्कर मारता चला गया। मुझे अधिक चोट तो नहीं आई लेकिन इस घटना में मुझे डरा दिया। वहीं, दिन में आफिस जाने के दौरान इनके रोड पर खड़े हो जाने से कम से कम आधे घंटे की देरी का सामना भी करना पड़ता है.
मैैं देर करता नहीं
रथायात्रा, लंका, सिगरा, कैंट, लहुराबीर, चौकाघाट, तेलियाबाग, गुरुबाग, मैदागिन, गोदौलिया, पांडेयपुर, सारनाथ, पहडिय़ा, चौक समेत शहर के दर्जन भर से अधिक इलाके में आए दिन मवेशी सड़क पर उतर आते हैैं। मवेशी के रोड पर आने से बनी जाम जैसी स्थिति में फंसकर अपने काम से गंतव्य को जाने वाले राहगीर परेशान होते हैैं.
सड़क हादसों में इजाफा
शहर की सड़कों पर मवेशी और जानवरों के आ जाने से कई बार तो सड़क हादसे भी होते हैैं। दिन में लोग जैसे-तैसे कोशिश कर हादसों से अपने को बचा ले जाते हैैं। लेकिन, तेज रफ्तार और रात के समय में बाइक चालक और चारपहिया वाहन के चालक जानवरों से टकरा जाते हैैं। इन हादसों में बाइक सवार तो घायल होते ही हैैं। साथ ही मवेशी भी घायल हो जाते हैैं.
जानवरों के पकडऩे का अभियान
स्थानीय लोगों का कहना है कि फिलहाल नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अभियान ठंडे बस्ते में चले गए हैैं। जब शहर में कोई वीआईपी आता है तभी ये हरकत में आते हंै। बाकी दिन हालात जस के तस रहते हैैं। इसकी तस्दीक सड़क पर भटक रहे जानवर करते हैैं.
आवारा मवेशियों के धर-पकड़ का काम नगर निगम का है। जल्द ही इस संबंध में विभाग से बात की जाएगी। ड्यूटी के दौरान रोड पर आए मवेशी और जानवरों यातायात के जवान नियंत्रित करते हैैं। मैैं इसे दिखवाता हूं, स्मूथ टै्रफिक व्यवस्था के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
डीके पुरी, एडीसीपी, ट्रैफिक वाराणसी