- हो जाएं सावधान, वरना बीड़ी, सिगरेट से कमजोर होगा फेफड़ा

- दांत की बीमारी से हृदय, मधुमेह, किडनी, सांस की समस्या का भी खतरा

अगर आप नियमित रूप से गुटखा, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी आदि का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए। कारण कि इससे दांत, मुंह के रोगों की समस्या तो बढ़ेगी ही, कोरोना को भी आमंत्रण मिलेगा। मुंह में ये चबाते समय लार का स्त्राव अधिक होने से बार-बार थूकना पड़ता है। बीड़ी और सिगरेट से फेफड़े कमजोर होंगे। ऐसे में धूमपान करने वाले लोग अगर कोरोना से संक्रमित होते हैं तो उन पर कोरोना वायरस खतरनाक ढंग से प्रभाव डालता है। इस लिए इस दौर में गुटखा, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी आदि के सेवन से बचते हुए नियमित दिनचर्या, बेहतर खान-पान, दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। दांत की बीमारी से खून, हृदय, मधुमेह, गुर्दा, सांस संबंधित समस्या भी बढ़ने का खतरा बढ़ने लगता है। इससे बचाव के लिए मुंह की सफाई व कभी-कभी दांत के मसूड़े की मालिश हल्दी को ग्लिसरीन मे मिलाकर करनी चाहिए।

24 घंटे में दो बार करें ब्रश, नमक के गुनगुने पानी से कुल्ला

चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो। टीपी चतुर्वेदी बताते हैं कि इस समय जंक फूड, ज्यादा मीठा, दांतों पर चिपकने वाला खाना नहीं चाहिए। बाजार में आसानी से उपलब्ध फास्ट फूड, दातों पर चिपकने वाले एवं मीठे व्यंजन आसानी से दांतों पर एक लेयर बना लेते हैं। इसको अगर 12 घंटे या इससे कम समय में साफ न किया जाए तो ये दांतों में सड़न करते हैं, इसीलिए 24 घंटे में दो बार ब्रश करने के लिए कहा जाता हैं। मुख में नमक के गुनगुने पानी में कुल्ला करना चाहिए। टूथपेस्ट फ्लोराइडयुक्त करना चाहिए। बहुत ज्यादा ठंडा या गरम पानी नहीं पीना चाहिए।

दांतों की समस्या से पनपने लगती हैं कई बीमारियां

मुंह की सफाई न होने से मसूड़ों से खून आना, मुंह से बदबू आना, मवाद आना, संसानहट, एवं दर्द होना एक आम बात है। इसके कारण धीरे-धीरे दांत कमजोर होकर गिरने लगते हैं। इसके बाद लोग ठीक से खाना भी नहीं खा पाते हैं। पेट के रोग एवं अन्य बिमारियां भी पनपने लगती है, जिसमें दांतों में खून आना, हृदय रोग, मधुमेह, किडनी, सांस आदि बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है।

हल्दी को ग्लिसरीन में मिलाकर करें मसूड़ों की मालिश

इसके बचाव के लिए मुंह की सफाई व कभी-कभी दांत के मसूड़े की मालिश हल्दी को ग्लिसरीन में मिलाकर करनी चाहिए। अगर दांत की समस्या को ठीक नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे यह पूरे दांत को खोखला और कमजोर कर देता है। कभी -कभी इससे ऊपर एवं नीचे के जबड़े की हड्डियां भी खराब होने लगती है।

चिकित्सक की परामर्श से लें दवा

दर्द होने पर दवा व एंटीबायोटिक का प्रयोग अपने दंत चिकित्सक से परामर्श कर ले सकते हैं। आजकल बच्चों में भी यह सब बीमारी बहुत आम हो चली हैं। इसका बचाव भी खानपान एवं दांतों की सफ़ाई से किया जा सकता है। बच्चों के दांत टेढे़ -मेढे़ निकलने लगे हैं। इसका इलाज भी इस समय सवधानी से करवाना चाहिए या कुछ समय के बाद करवाना चाहिए।