- एसटीएफ ने किया शिव सेठ हत्याकांड का खुलासा

-मुखबिरी करने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार, मुख्य आरोपित अभी भी फरार

- वारदात में इस्तेमाल की गयी पिस्टल, तीन मोबाइल फोन और बाइक बरामद

VARANASI

भाजपा पार्षद शिव सेठ की हत्या सुपारी की रुपयों के लेनदेन के विवाद में की गयी। ये खुलासा शनिवार को एसटीएफ ने हत्या में अहम भूमिका निभाने वाले तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद किया। इन्होंने मुखबिर की निभायी थी। हालांकि पार्षद की जान लेने वाले बदमाश लक्सा के संतोष शुक्ला और दीपक वर्मा अभी फरार हैं। पकड़े गए बदमाशों के पास से हत्या में प्रयुक्त नाइन एमएम की पिस्टल, चार कारतूस, तीन मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद हुई।

आ गए पुलिस के राडार पर

खोजवां के रहने वाले संतोष सोनकर, अनिल सोनकर और जद्दूमंडी का गौतम नन्दी घटना के बाद फरार थे। तीनों पुलिस के शक के दायरे में थे। इनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। इसी दौरान जानकारी मिली की शनिवार को तीनों कमच्छा पहुंचने वाले हैं। मुखबिर की मदद से एसटीएफ ने दोपहर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि पार्षद शिव सेठ की हत्या के तार जुलाई में सूरजकुंड निवासी गोलू यादव की हत्या से जुड़े हैं।

बीच में आना पड़ा भारी

शिव सेठ के चचेरा भाई नागेंद्र सेठ की गोलू यादव से अदावत थी। मामला बढ़ा तो गोलू को मारने के लिए नागेन्द्र ने बदमाश लोहरानी गली (लक्सा) निवासी संतोष शुक्ला को गोलू की हत्या की सुपारी दी। बेहद शातिर तरीके से संतोष ने साथियों के साथ मिलकर गोलू की हत्या कर दी और लाश को लोहता क्षेत्र में वरुणा नदी में फेंक दिया। हत्या के बाद नागेन्द्र ने सुपारी की तय रकम संतोष को नहीं दी। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगा। इस मामले में शिव सेठ बीच में आ गया। उसने संतोष से सीधे दुश्मनी ले ली। इससे नाराज संतोष ने पार्षद के हत्या की योजना बनायी। इसमें संतोष सोनकर, अनिल सोनकर, गौतम नन्दी और नई बस्ती (लक्सा) के दीपक वर्मा को शामिल किया। तीन नवम्बर की रात तुलसीपुर में बदमाशों ने घेरकर शिव सेठ की गोली मारकर हत्या कर दी।