- आठ नंवबर के बाद बंद हुए 500 और 1000 के नोटों के चलते घट गई शराब की सेल, देशी, अंग्रेजी और बीयर सभी किस्म की वाइन की ब्रिकी में आई 12 से 15 परसेंट की कमी

- नवंबर से दिसम्बर के बीच हर साल बढ़ता था आबकारी विभाग का रेवेन्यू लेकिन इस साल हुआ है जबरदस्त नुकसान

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VARANASI:

नोटबंदी के कारण भले ही लोगों को परेशानी उठानी पड़ी हो, शादी विवाह वाले घरों में इसका ज्यादा असर पड़ा हो लेकिन इस नोटबंदी के कारण कई लोगों की पीने पिलाने जैसी गंदी आदत कम हो गई है। नहीं समझे अरे भाई हम बात कर रहे हैं नोटबंदी के कारण शराब की ब्रिकी पर पड़े असर की। ठंड के मौसम में हर साल जहां नवंबर से लेकर दिसम्बर तक शराब की ब्रिकी टॉप पर रहती थी वहीं इस साल नोटबंदी ने लीकर कारोबार की बैंड बजा दी है। डेली पीने वाले नोट क्राइसिस के चलते अब हफ्ते में एक दिन पीने पर मजबूर हो गए हैं। जिसके कारण आबकारी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि इस बंदी से शराब जैसी गंदी आदत कम होने से कई लोग बेहद खुश भी हैं।

बेहद खराब गए ये तीन महीने

नोटबंदी के बाद बैंकों से लेकर एटीएम्स में नये नोटों की कमी और एक दिन में एटीएम से नोटों के कम निकलने की लिमिट ने पियक्कड़ों पर लगाम लगा दी है। क्योंकि कम रुपये हाथ में होने के कारण पीने पिलाने का दौर भूलकर दूसरे कामों के लिए रुपये खर्च करने की मजबूरी ने शराब की दुकानों से भीड़ कम कर दी है। खासतौर पर आठ नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद। इस बारे में क्षेत्रीय आबकारी अधिकारी वाईआर यादव का कहना है कि नवंबर से लेकर दिसम्बर में हर साल जबरदस्त रेवेन्यू देने वाला होता है और हमारे टारगेट के ऊपर रेवेन्यू दिसम्बर जाते जाते तक आ जाता है लेकिन इस बार हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं और नवंबर में जहां रेवेन्यू में क्0 से क्ख् परसेंट की कमी आई। वहीं अब तक रेवेन्यू करीब क्भ् परसेंट कम आया है।

हाईलाइटर

- जिले में हैं म्ख्ब् लीकर शॉप्स

- क्ब्ब् बीयर शॉप्स हैं

- क्म्म् अंग्रेजी वाइन शॉप्स हैं

- फ्0भ् देशी शराब के ठेके हैं

- 09 मॉडल शॉप्स हैं

- इनसे हर साल आता है म्00 करोड़ का रेवेन्यू

हाल हुआ है बुरा

- पिछले साल नवंबर में आबकारी का रेवेन्यू था 9भ् परसेंट

- इस साल इसमे क्फ् परसेंट की ग्रोथ की थी उम्मीद

- नोटबंदी ने इस उम्मीद को दी करारी चोट

- रेवेन्यू क्फ् परसेंट बढ़ने की जगह घट गया करीब क्म् परसेंट

- यानि नवंबर के लास्ट तक रेवेन्यू पिछले साल के 9भ् परसेंट की जगह हो गया 79 परसेंट

- जिससे आबकारी को बड़ा नुकसान हुआ है

- दिसम्बर में भी अब तक रेवेन्यू पिछले साल से आया है कम